बाढ़ पर नियंत्रण के लिए नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना होगा: मोदी
0-समीक्षा के लिए छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ की बैठक
नई दिल्ली,10 अगस्त (आरएनएस)। देश के कई राज्यों में इस समय बाढ़ से हालात काफी बदहाल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत की। दक्षिण-पश्चिमी मानसून और वर्तमान में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 6 राज्यों असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक की।
पीएमओ से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक के दौरान पीएम मोदी ने बाढ़ के पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली में सुधार के लिए नवीन तकनीकों के व्यापक उपयोग पर जोर दिया। दक्षिण-पश्चिम मानसून और देश में वर्तमान बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों की समीक्षा करने के लिए बैठक में भाग लेने वाले राज्यों में असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल हैं। पीएमओ ने बताया है कि प्रधानमंत्री ने सभी केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय पर जोर दिया है, ताकि बाढ़ के पूर्वानुमान के लिए एक स्थायी प्रणाली बनाई जा सके। बैठक में बाढ़ पर अंकुश लगाने के लिए विस्तार से चर्चा हुई है। बैठक में रक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, दोनों गृह राज्य मंत्री और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों और संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक में बाढ़ प्रबंधन में नेपाल से असहयोग का मुद्दा उठाया। उन्होंने इस मामले में केंद्र से दखल देने की मांग की। बता दें कि बिहार में बाढ़ से अब तक 16 जिलों में 74 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है। यहां बाढ़ से अब तक कुल 23 लोगों की मौत चुकी है।
पीएम से मांगी सहायता राशि
कर्नाटक के बसवराज बोम्मई ने कहा कि हमने पीएम मोदी से बात की और अत्यधिक बारिश और बाढ़ के कारण राज्य में हुए नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने कहा हमने 395 करोड़ रुपये की एसडीआरएफ निधि की अगली किस्त और 4 हजार करोड़ रुपये की विशेष सहायता की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों, संसद के दोनों सदनों में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और राज्यसभा के सभी सांसदों के साथ टेलीफोन पर भी बातचीत की। देश के कई राज्य इस समय बाढ़ के संकट से जूझ रहे हैं।
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