भाजपा नहीं कर पा रही कोरोना को दूर : माकन
नई दिल्ली ,23 जुलाई (आरएनएस)। वरिष्ठ इंका नेता अजय माकन ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि देश एक तरफ जहाँ पर कोरोना की चपेट में है, महामारी से जूझ रहा है। 45-50 हजार तक प्रतिदन कोरोना के केस पहुंच गए हैं और साथ ही साथ में चाईनीज पीएलए सिपाही हमारे यहाँ पर आए हुए हैं, वहाँ से हिलने का नाम नहीं ले रहे हैं। आज रुलिंग पार्टी देश के अंदर कोरोना की महामारी को दूर करने की जगह, चीन की जगह, कांग्रेस की सरकारों को डिस्टेब्लाइज करने में लगा हुआ है, जबकि पूरे देश का, पूरी सरकार का, सब लोगों का ध्यान सिर्फ और सिर्फ कोरोना महामारी और चीन जिस तरह से हमारे देश की संप्रभुता पर हमला कर रहा है, सुरक्षा पर हमला कर रहा है, हमारे देश की टेरिटोरियल इंटीग्रिटी पर हमला कर रहा है, मुझे लगता है कि हम सब लोगों का ध्यान उस तरफ होना चाहिए। परंतु दुर्भाग्य है कि हमारे देश का, हम लोगों का, हम सबका कि हमारे देश की सरकारें इन महत्वपूर्ण चीजों की जगह केवल और केवल राजनीति को देख रही हैं।
यही आज राहुल गांधी ने कहा कि चीन को इस चीज का सबसे बड़ा फायदा मिलता है, जब हम आपस में झगड़ते हैं, जबकि हमें मिलकर कोरोना की महामारी से झगडऩा चाहिए, उससे लडऩा चाहिए और चीनी आक्रमण जो एक तरह से हो रहा है, हमारी टेरिटरी के ऊपर वो कब्जा करते जा रहे हैं, उस पर हो रहा है।
हमारी 4 मीटिंग, कमांडर कोर्प्स के साथ हुईं और जो आखिरी मीटिंग 14 जुलाई को हमारी और चीन के कमांडर कोर्स्र की हुई, उसके बाद में चीनी पीएलए अपने स्थान से पीछे नहीं हट रहे हैं।
पिछले एक हफ्ते से भी ज्यादा लगातार 14 जुलाई के बाद, हमारी चौथी मीटिंग के बाद अभी तक चीनी पीएलए, जिनको हटना चाहिए था, वो नहीं हट रहे हैं। ये इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि तीन दिन पहले हमारे डिफेंस मंत्री ने कहा है कि कोई गारंटी नहीं है कि बातचीत के द्वारा हम किसी भी प्रकार से समाधान निकाल सकें। तो हैरानी की बात ये है कि जब बातचीत के द्वारा कोई समाधान, सामने कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है, तो फिर सरकारें कर क्या रही हैं? मई 2020 के बाद में कुछ चीजें हुई हैं,
हम सब जानते हैं कि किस प्रकार से इंडियन फोर्सेस को पेट्रोलिंग प्वाइंट 10 और 13 के बीच में, जहाँ हमारी जमीन है, वहाँ पर पेट्रोलिंग करने से, हमारी अपनी सरजमीं पर, जिसको लगातार हम करते आए, चीनी आर्मी, पीएलए ने हमारे पोस्ट पर रोका। किस तरह से डेप्सांग प्लेन पर और दौलत बेग ओल्डी सेक्टर के अंदर किस तरह से चीनी पीएलए लगातार वहाँ पर कंस्ट्रक्शन करती जा रही है, हम सब उसे देख रहे हैं। लेकिन इसका कोई जवाब, इसकी कोई भी किसी भी तरह की तैयारी सरकार की तरफ से नजर नहीं आती। हम लोगों ने देखा कि आईटीबीपी को जो हमारे इन्डो टेबिटियन बॉर्डर पुलिस फोर्स है, उसको पीछे धकेल दिया गया फिंगर 4 पर और फिंगर 4 से धकेल कर फिंगर 3 और 2 के बीच में डाल दिया गया और साथ में चीन अभी भी फिंगर 4 और फिंगर 8, हमारी जो जमीन है, उसके अंदर अपनी आर्मी के साथ बैठा हुआ है और इसका कोई हमें रास्ता और जवाब सरकार की तरफ से नहीं मिल रहा है।
अभी एकदम से, कुछ ही दिन पहले चीन ने एक सिविलियन एयर स्ट्रिप जिसे कि नारी गुंसा एयर स्ट्रिप कहा जाता है, उसको उन्होंने मिलिट्री एयर स्ट्रिप्स के अंदर कनवर्ट कर दिया है, ताकि वो अपनी आर्मी की फास्ट मूवमेंट वहाँ से कर सकें। इसका कोई जवाब हमारी सरकार नहीं देती है।
इसलिए आज कांग्रेस पार्टी 6 सवाल मोदी सरकार से पूछना चाहती है, ये बड़े महत्वपूर्ण सवाल हैं और हम उम्मीद करते हैं कि इन सवालों का जवाब मोदी सरकार जरुर देगी।
पहला, हमारे यहाँ पर सर्दियां आ रही हैं और ये लद्दाख का वो इलाका है, जहाँ सर्दियां एकदम चरम सीमा के ऊपर पहुंच जाती हैं, हिमालय के अंदर, हिमालय की गोद में ये जगह है। जब चीनी पीएलए वहाँ से वापस नहीं जा रही है, जिस तरह से अब रिपोर्ट आ रही हैं, एग्रीमेंट हमारे हुए हैं, तो क्या हमारी सरकार को इस चीज का पता है, इस चीज का आभास है कि 40 हजार पीएलए ट्रूप्स अभी भी वहाँ पर है और वापस नहीं जा रही हैं? अगर ऐसा है तो हमारे रक्षा मंत्री, हमारे विदेश मंत्री, हमारे प्रधानमंत्री इन सब चीजों पर चुप क्यों है? उनका प्लान ऑफ एक्शन क्या है, देश ये जानना चाहता है? सबसे पहला प्रश्न हमारा ये है कि देश जानना चाहता है कि जब 40 हजार पीएलए जिसे एग्रीमेंट के मुताबिक जिस गति से उनको पीछे जाना चाहिए, आज अख़बारों में आ रहा है, पिछले एक सप्ताह से ज्यादा 14 जुलाई को जो आखिरी मीटिंग हुई थी, उसके बाद इन्होंने पीछे जाना बंद कर दिया है, तो हमारी सरकार का प्लान क्या है? एक सजग और सशक्त विपक्ष के तौर पर कांग्रेस पार्टी सरकार से पूछना चाहती है कि बताएं कि उनका प्लान क्या है, देश ये जानना चाहता है, सर्दियां आ रही हैं, सर्दियों की तैयारी करनी है और जो हमारे जवान हैं, उनके लिए क्या इंतजामात है, किस तरह से इस सारे हालात को वो डील कर रहे हैं?
दूसरा, प्रधानमंत्री जी ने ये कहा था कि चीन हमारी टेरिटरी के अंदर नहीं है, ऑल पार्टी मीटिंग 19 जून को। अब आर्मी जनरल ये कह रहे हैं, डिफेंस मिनिस्टर खुद ये कह रहे हैं, सभी सैटेलाइट इमेजरी और सबके सब लोग ये कह रहे हैं, सबका मानना है कि चीन आर्मी हमारी टेरिटरी, हमारी सरजमीं पर है, तो क्या हमारे देश के प्रधानमंत्री ने असत्य बोला है? क्या हमारे देश के प्रधानमंत्री ने ऑल पार्टी मीटिंग के अंदर मिसलीड किया? आज देश ये जानना चाहता है।
तीसरा प्रश्न हम राजनाथ सिंह जी से करना चाहते हैं कि उनका क्या मतलब है जब वो कहते हैं कि कोई गारंटी नहीं है कि हम लोगों के इस जो बातचीत अभी चल रही है चीन के साथ में, इसका कोई समाधान निकल पाएगा? तो इसका क्या मतलब है कि मोदी सरकार ने क्या इस चीज को मान लिया है? एक तरफ तो प्रधानमंत्री मोदी जी कहते हैं कि चीनी पीएलए हमारे सीमा के अंदर नहीं आए हैं, दूसरी तरफ हमारे रक्षा मंत्री कहते हैं कि कोई समाधान जो चीनी बातचीत हो रही है, उससे निकलने वाला नहीं है, तो ये आपस में विरोधाभास की स्टेटमेंट क्यों दे रहे हैं, एक दूसरे से विपरीत स्टेटमेंट क्यों दे रहे हैं? दोनों की स्टेटमेंट से अलग-अलग मतलब निकलते हैं, तो असलियत में क्या बात है? देश आज ये जानना चाहता है।
चौथा प्रश्न ये है कि ये जो रिपोर्ट आ रही है, सैटेलाइट की इमेज आ रही है कि दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में और डेप्सांग सेक्टर के अंदर प्लेन में वहाँ पर चीन लगातार कंस्ट्रक्शन कर रही है, तो हमारी क्या पॉलिसी है कि हम लोग चीन के इस कंस्ट्रक्शन को रोंके? हमारी क्या पॉलिसी है कि ये जो ट्रांसपोटेशन हो रहा है चीनी आर्मी का हमारे इलाकों के अंदर और दौलत बेग ओल्डी और डेप्सांग सेक्टर लगातार हमारे पास रहा है, तो क्या सरकार की इस पर पॉलिसी है? आज हम इस सरकार से ये जानना चाहते हैं।
पांचवा प्रश्न कि क्या ये सच है कि चीन अभी भी 8 किलोमीटर हमारी टेरिटरी के अंदर और पैंगोग त्सो लेक एरिया में जिसमें फिंगर 4 से फिंगर 8 के बीच में है, अभी भी चीन उस टेरिटरी को अपनाए बैठा है, उस टेरिटरी पर कब्जा जमाए बैठा है और किस तरह से हमारी मोदी सरकार इनको वापस भेजना चाहती है?
जैसा मैंने कहा कि आज की हमारी पत्रकार वार्ता को संबोधन करने की मुख्य बात ये थी कि पिछले एक हफ्ते से, 10 दिन से जो एग्रिड कमांडर कोर्स्र की मीटिंग के अंदर जो एग्रीमेंट था आपस में, चीन उसे फोलो नहीं कर रहा और लगातार चीन उसके अंदर अभी भी हमारी जमीन पर कब्जा जमाए बैठा है, तो फिर जब बातचीत पर हमारे रक्षा मंत्री कहते हैं कि इसकी कोई गारंटी नहीं है और हमारे कमांडर कोर्स्र के लेवल पर भी जो बातें हुई हैं, उसको भी मानने से मना कर दिया है, तो अब जब हमारे पैंगोंग त्सो लेकर पर फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच में चीन हमारी टेरिटरी पर कब्जा जमाए बैठे हैं, तो उसकी क्या सोच, किस तरह से उसका जवाब हमारी सरकार देने की सोच रही है? हम सरकार से ये जानना चाहते हैं।
आखिरी में हमारा प्रश्न भी है, हमारी मांग भी है कि हम लोग ये चाहते हैं कि जो 1 मई, 2020 की यथास्थिति थी, वही यथास्थिति वापस लेकर आए और 1 मई, 2020 के बाद में चीनी पीएलए जितना आगे हमारी सरजमीं पर आगे आए हैं, वो सब के सब वापस जाने चाहिएं। प्रधानमंत्री ऑल पार्टी मीटिंग में क्या कहते हैं, क्या नहीं कहते, हम उस पर नहीं भी जाते, लेकिन हम ये चाहते हैं कि 1 मई, 2020 में जो उस वक्त हमारी यथास्थिति थी, भारत की फौजों की जो स्थिति थी, जो हमारी पेट्रोलिंग के ऊपर रोक नहीं लगाई जा रही थी, जो दौलत बेग सेक्टर के अंदर, डेप्सांग वेली के अंदर जिस तरह से चीन की कंस्ट्रक्शन नहीं हुई थी, वो पूरी की पूरी यथास्थिति वैसे के वैसे होनी चाहिए। ये हम लोगों का कहना है, ये हमारी कांग्रेस पार्टी की मांग है और हम उम्मीद करते हैं कि इन बातों के ऊपर केन्द्र सरकार देश के हित में और पूरे देश के सामने ट्रांसपेरेंसी के साथ अपनी बात को रखेगी ताकि देश के सामने किसी प्रकार का कन्फ्यूजन ना हो। यही बात मैं आपके सामने कहना चाहता हूं।
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