राजनाथ ने बीआरओ द्वारा निर्मित 6 नए पुलों का किया उद्घाटन

0-सीमाओं पर सुरक्षाबलों को आवाजाही में होगी आसानी
नई दिल्ली,09 जुलाई (आरएनएस)। भारत की सीमाओं पर पडोसी देशों के साथ तनातनी के बीच सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा सीमाओं पर जारी बुनियादी ढांचे के निर्माण के तहत जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में बनाए गये छह नए पुलों को गुरुवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ऑनलाइन उद्घाटन किया है।
यहां नई दिल्ली में इस मौके पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र के दूरदराज के इलाकों का विकास राजग सरकार की मुख्य प्राथमिकता में बनी रहेगी। रक्षा मंत्री ने थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, रक्षा सचिव अजय कुमार, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह समेत अन्य की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंस से पुलों का उद्घाटन किया। रक्षा मंत्रालय ने एक वक्तव्य में बताया कि चार पुल अखनूर में अखनूर-पल्लानवाला मार्ग पर और दो पुल कठुआ जिले में तारनाह नाला पर बनाए गए हैं। इन पुलों के निर्माण में कुल लागत 43 करोड़ रूपये आई है। इनका निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने किया है। इनका उद्घाटन ऐसे समय में किया गया है, जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चल रहा है। अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को ये पुल समर्पित करने के पीछे एक बड़ा संदेश यह है कि शत्रुओं द्वारा प्रतिकूल स्थितियां पैदा करने के बावजूद भारत अपनी संप्रभुता को बरकरार रखने और सीमाओं की रक्षा करने के लिए पूरी तरीके से प्रतिबंध है। सरकारें यही दावा भी करती है। इसी को ध्यान में रखते हुए फिलहाल देश की सीमा क्षेत्रों में ऐसे कई कार्य किए जा रहे है जिससे संकट की स्थिति में सैन्य बलों को राहत प्रदान किए जा सकते है। उदाहरण के लिए फिलहाल भारत की सरकार सीमा क्षेत्रों में पूल और सड़कों के निर्माण पर लगातार जोर दे रही है। चीन और पाकिस्तान के साथ बढ़ रहे विवाद की स्थिति में ऐसा करना जरूरी है। भारत-चीन सीमा पर भी निर्माण कार्य भारी संख्या में किए जा रहे है तो यही हाल भारत-पाक बॉर्डर पर का भी है। वहीं भारत-नेपाल सीमा के पास भी इस तरीके के कार्य लगातार किए जा रहे है। मौजूदा समय में चीन के साथ विवाद हो या फिर नेपाल के साथ, इसका कारण भारत द्वारा सीमाई इलाकों में किए जा रहे निर्माण कार्य ही है। भारत के निर्माण से पड़ोसी देश परेशान हो रहे हैं परंतु भारत लगातार अपनी क्षमता और सुविधा बढ़ाने की कोशिश में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन यानी कि बीआरओ द्वारा निर्मित छह प्रमुख पूलों को राष्ट्र को समर्पित किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि बीआरओ को सामरिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों के निर्माण के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार कोविड-19 महामारी के बावजूद सरकार बीआरओ को दिए जाने वाले संसाधनों में कमी नहीं आने देगी। मंत्रालय के मुताबिक 2008 से 2016 के बीच बीआरओ के लिए सालाना बजट 3,300 करोड़ से 4,600 करोड़ रूपये के बीच था। हालांकि, 2019-2020 में आवंटन बढ़ा कर 8,050 करोड़ रूपये कर दिया गया। 2020-2021 में बीआरओ का बजट 11,800 करोड़ रूपये होने की संभावना है। मंत्रालय ने कहा कि आवंटन राशि बढऩे से देश की उत्तरी सीमाओं पर सामरिक सड़कों, पुलों और सुरंगों के निर्माण के कार्य में तेजी आएगी। सिंह ने ‘रिकॉर्ड वक्तÓ में पुलों का निर्माण करने के लिए बीआरओ को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग और पुल किसी भी राष्ट्र की जीवन रेखा हैं और दूरदराज के क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन परियोजनाओं की प्रगति पर नियमित निगरानी रख रहे हैं और इन्हें समय पर पूरा करने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जा रहा है। एक बात तो स्पष्ट है कि 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद से भारत सीमाओं पर अपनी ताकत बढ़ाने में जुटा हुआ है। इसी कड़ी का एक हिस्सा सीमा पर हो रहे निर्माण भी हैं। भले ही पड़ोसी भारत के निर्माण से परेशान होते रहे पर भारत पीछे हटने वाला नहीं है।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »