पारदर्शिता से, साफ-सुथरे तरीके से की गई है, तो लोग गिरफ्तार क्यों हो रहे हैं? : प्रियंका

0- सुपर टीईटी परीक्षा पर उठाए सवाल
नई दिल्ली ,10 जून (आरएनएस)। अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के युवाओं, खासतौर से उन प्रतियोगी छात्र-छात्राओं से बात करना चाह रही हूं, जिन्होंने सुपर टीईटी 69,000 की परीक्षा दी। आप सब तो जानते ही हैं कि हाल में परीक्षा के रिजल्ट आए और उस रिजल्ट से बहुत आक्रोश, बहुत नाराजगी हुई है। क्योंकि मीडिया की रिपोर्ट से, छात्र-छात्राओं की रिपोर्ट से ये पता चल रहा है कि इस परीक्षा में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है, बहुत ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ है।
उन्होंने कहा कि जबसे मैंने यूपी में काम करना शुरु किया, जबसे पिछला चुनाव चला, तब से मैं देख रही हूं कि ऐसी तमाम परीक्षाएँ जो यूपी में की जा रही हैं, उनमें कहीं ना कहीं चीटिंग के मामले निकलते हैं, घोटाले निकलते हैं, भ्रष्टाचार की बात उठती है और इससे बहुत दुख होता है। आज जिन छात्राओं से मैं बात कर रही थी, वो मुझे बता रही थीं कि एग्जाम देने के लिए, परीक्षा देने के लिए 200-200 किलोमीटर दूर गई। 3 परीक्षा दी हैं, कभी सलेक्ट भी हो गई हैं, लेकिन बार-बार परीक्षाओं में परिवर्तन आ रहा है, बार-बार चीटिंग के मामले उठ रहे हैं, कभी परीक्षा रद्द होती है, कभी परीक्षा में जो अंक आते हैं, उनमें नया नियम कायम हो जाता है, पहले कट ऑफ प्वाइंट एक होता है, उसके बाद परीक्षा होने के बाद कभी कट ऑफ प्वाइंट बदला जाता है। मैं दिल्ली में रहती हूँ, मैं तो सोच भी नहीं सकती हूं कि एक परीक्षा दे रहे हैं, उसका रिजल्ट डेढ़ साल बाद आ रहा है। उसका रिजल्ट आने में इतना समय लग रहा है, क्यों लग रहा है इतना समय? अगर कोई घोटाला, कोई गड़बड़ नहीं है, तो ये रिजल्ट पहले आना चाहिए। तो इस तरह के तमाम इशू हैं जो इन परीक्षाओं के इर्द-गिर्द उठने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सुबह टॉपर गिरफ्तार हुए हैं, कल कुछ लोग गिरफ्तार हुए थे। लेकिन मैं पूछना चाहती हूं कि अगर ये परीक्षा पारदर्शिता से, ठीक ढंग से, साफ-सुथरे तरीके से की गई है, तो लोग गिरफ्तार क्यों हो रहे हैं? अगर सरकार कह रही है कि ठीक है, एक सैंटर में इशू आ रहा है, उस सेंटर के लोगों को हमने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन पूरी परीक्षा में अगर कोई समस्या नहीं है, तो ये बार-बार क्यों इशू उठ रहे हैं और लोगों को इतना दुख क्यों हो रहा है उसमें, स्टूडेंट्स इतने परेशान क्यों हैं? इसमें जो नियम हैं, वो बार-बार बदलते क्यों रहते हैं?
उन्होंने विद्यार्थियों के हवाले से कहा कि ये जो परीक्षा है, ये जीवन के भविष्य का द्वार है, जिसके जरिए वो अपने भविष्य को बना सकते हैं, जिससे जरिए वो अपने पूरे परिवार के लिए, आगे के लिए, अपनी लाइफ बना सकते हैं, अपना फ्यूचर बना सकते हैं।
तो अगर हम एक साथ आवाज नहीं उठाएंगे, अगर हम ये डिमांड नहीं करेंगे कि कोई परिवर्तन आए, तो ये एक ऐसा सिलसिला बन जाएगा कि यूपी सरकार तो वैसे भी समझ रही है कि चाहे कुछ भी हो जाए, कहीं घोटाला हो रहा है, कहीं भ्रष्टाचार हो रहा है, ना आपको आवाज उठाने दे रहे हैं, कह रहे हैं कहीं-कहीं सरकार विज्ञापित कर रही है, कह रही है कि अगर आप आवाज उठाएंगे तो आप पर मुकदमें किए जाएंगे। तो या तो हम सब चुप बैठ जाएं, तो कभी कोई परिवर्तन नहीं आने वाला या हम आवाज उठाएं और हम सरकार से जवाबदेही मांगे- मुख्यमंत्री जी बताएं कि वो जिम्मेदारी ले रहे हैं या नहीं ले रहे हैं? ठोस कार्यवाही होनी चाहिए, पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ कार्यवाही होनी चाहिए। जो कार्यवाही होनी चाहिए, वो तय करें। लेकिन ये सिर्फ आपका भविष्य नहीं है, ये पूरे प्रदेश का भविष्य है, एक पूरी जनरेशन का भविष्य है और प्रदेश की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री जी की है। मुख्यमंत्री जी ये आपके भी बच्चे हैं, हमारे हैं, आपके हैं और हम सबको इक्क_े एक सकारात्मक तरीके से इनके लिए एक सोल्यूशन ढूंढना पड़ेगा। ये कोई राजनीति की बात नहीं है, एक बहुत स्पष्ट बात है। एक जनरेशन के भविष्य का सवाल है, उस सवाल को हम उठा रहे हैं।
हम सब जिम्मेदारी लें और आप जिम्मेदारी लें कि आपकी सरकार में ये सब हो रहा है, पारदर्शिता से जो भी कार्यवाही करनी है, आप करवाइए, चाहे इम्तिहान को रद्द कराने की कार्यवाही हो, चाहे पूरी तरह से जांच कराने की कार्यवाही हो और इससे बढ़कर सबसे जरुरी, जिसका मुझे सबसे ज्यादा दुख हुआ कि इन छात्र-छात्राओं का, ये जो प्रतियोगी छात्र-छात्राएं हैं, इनकी सुनवाई भी नहीं हो रही है, आप इनकी आवाज दबाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?
उन्होंने कहा कि अगर एक देश, एक प्रदेश आगे बढ़ेगा, अगर विकसित होगा तो बहुत जरुरी है कि आप युवाओं की आवाज सुनें, उनकी समस्याओं को सुलझाएं और इस तरह की नीति नहीं होनी चाहिए कि भर्तियों में धांधली हो, परीक्षाओं में घोटाले हों, ये कोई आम चीज नहीं है, हमें स्वीकार नहीं करना चाहिए कि इसी तरह से चीजें होती हैं। हमें बदलाव लाना है और बदलाव लाने के लिए हमें इक्क_े होकर काम करना पड़ेगा।
तो मैं आप सबसे कहना चाहती हूँ, युवाओं से कहना चाहती हूँ, खासतौर से जिन्होंने ये इम्तिहान दिया, उनसे कहना चाहती हूँ कि मैं आपके साथ खड़ी हूँ, मैं आपकी आवाज उठाऊंगी, इसमें राजनीति की कोई बात नहीं है। मैं चाहती हूँ कि आपकी आवाज उठे, आप हमारा भविष्य हैं, यूपी के भविष्य हैं और हम आपके लिए लड़ेंगे, आपकी लडाई हमारी लड़ाई है।
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