आत्मनिर्भर भारत को मोदी सरकार का बुस्टर डोज

0-एमएमएमई, रेहड़ी पटरी वालों और किसानों को सरकार की सौगात
0-भविष्य में रोजगार के संकट को टालने के लिए सरकार ने उठाए कदम
0-78 करोड़ लोगों को साधने की बनाई रणनीति
नई दिल्ली,01 जून (आरएनएस)। कोरोना से निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत का नया नारा देने वाली मोदी सरकार ने सोमवार को एमएसएमई, किसान और रेहरी पटरी वालों के लिए कई अहम घोषणा की है। इन फैसलों का लक्ष्य इन तीनों की क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ देश को रोजगार के संकट से बचाने का है। कैबिनेट की बैठक में किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी देने के साथ 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 से 83 फीसदी की बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया गया हैै। रेहड़ी-पटरी वालों को ऋण की व्यवस्था के लिए पीएम स्वनिधि योजना शुरू करने के फैसले पर मुहर लगी है। एमएसएमई के जरिए रोजगार को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र केलिए भी कई अहम फैसले किए गए हैं।
एमएसएमई
कोरोना के कारण देश में बेरोजगारी खतरनाक स्तर पर है। भावी खतरे को पहचानते हुए सरकार ने अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले 6 करोड़ एमएसएमई को संवारने केलिए कई अहम घोषणा की है। इसके महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में 11 करोड़ लोग एमएसएमई में काम कर रहे हैं। जीडीपी में इसका योगदान 29 फीसदी है। एमएसएमई को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहलेे ही राहत पैकेज की घोषण करने वाली सरकार ने कैबिनेट की बैठक में अहम फैसले लिए हैं।
क्या मिला
संकट में फंसे दो लाख एमएसएमईज के लिए 20 हजार करोड़ का प्रावधान
छोटे और मध्यम कारोबार भी शेयर बाजार में सूचीबद्घ करने पर मुहर
एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ के इक्विटी निवेश के प्रस्ताव पर मुहर
एमएसएमई की परिभाषा में संशोधन
इकाई की परिभाषा के तहत निवेश की सीमा बढ़ा कर एक करोड़ निवेश और 5 करोड़ का कारोबार
लघु इकाई निवेश की सीमा बढ़ा कर 10 करोड़ और 50 करोड़ का कारोबार
मध्यम इकाई के तहत 20 करोड़ा का निवेश और 250 करोड़ का कारोबार
निर्यात में एमएसएमई को किसी भी टर्नओवर में नहीं गिना जाएगा
रेहड़ी पटरी वालों के लिए सौगात
रोजगार बढ़ाने की हर संभवना तलाश रही सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों पर भी खासी मेहरबानी दिखाई है। सरकार की योजना इसके जरिए 50 लाख लोगों को सीधे लाभ पहुंचाने की है। इस कड़ी में रेहड़ी पटरी पर सामान बेचने वालों की क्षमता और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए पीएम स्वनिधि योजना की घोषणा की गई है। इसके तहत रेहड़ी पटरी पर किसी भी तरह का कारोबार करने वालों को दस हजार का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। ऋण प्राप्तकर्ता एक साल में मासिक किस्तों के जरिए 7 फीसदी ब्याज दर पर इसे लौटा सकेंगे। इस योजना का लाभ मोची, सैलून चलाने वाले,पान की दुकान चलाने वाले भी उठा सकेंगे।
किसानों को कई सौगातें
चिंता भविष्य में रोजगार की है, इसलिए सरकार 66 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाले कृषि क्षेत्र का खास ख्याल रखा है। सरकार ने उपज की कीमत डेढ़ गुना करने का वादा पूरा किया है। 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य मेंं 50 से 83 फीसदी की बढ़ोत्तरी करने के साथ किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की अनुमति दी है। किसानों को तात्कालिक राहत देते हुए तीन लाख तक के अल्पकालिक भुगतान की समय सीमा इस साल 31 अगस्त तक बढ़ा दी है।
करीब 78 करोड़ को साधने की रणनीति
कोरोना के कारण चौपट अर्थव्यवस्था के बीच सरकार ने कृषि, एमएसएमई और रेहड़ी-पटरी वालों को साधने की रणनीति बनाई है। गौरतलब है कि वर्तमान में 66 करोड़ लोग खेती, 11 करोड़ लोग एमएसएमई और 50 लाख से अधिक लोग रेहड़ी पटरी पर कारोबार से जुड़े हुए हैं। सरकार का आकलन है कि कैबिनेट के फैसले से संकट के वर्तमान दौर में इन तीनों की क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता के साथ स्थिरता आएगी। दोनों ही स्थिति मेंं यह तीनों ही क्षेत्र भविष्य में और अधिक रोजगार बढ़ाने में सहायक होगा।
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