एमएसएमई की नई परिभाषा से उद्योग को बहुत बढ़ावा मिलेगा: गडकरी

0-‘फंड ऑफ फंड का प्रभावी मूल्यांकन और कार्यान्वयन करने का आह्वान
नई दिल्ली,18 मई (आरएनएस)। केंद्रीय एमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एमएसएमई, श्रम, कृषि सहित विभिन्न हितधारकों और क्षेत्रों के लिए घोषित राहत पैकेज और एमएसएमई की नई परिभाषा से उद्योग को बहुत बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने एमएसएमई के लिए प्रभावशाली मूल्यांकन की खोज करने का आह्वान किया और प्रतिभागियों से एमएसएमई के हिस्से के रूप में घोषित पैकेज ‘फंड ऑफ फंडÓ के प्रभावी क्रियान्वयन के संदर्भ में सुझाव भी मांगे हैं।
गडकरी ने यह बात बिजनेस नेटवर्क इंटरनेशनल और एमएम एक्टिव सांइस-टेक कम्युनिकेशन के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ‘एमएसएमई पर कोविड-19 का प्रभावÓ और ’20 लाख करोड़ के पैकेज के बाद भारतीय उद्योग का भविष्यÓ पर हुई बैठक को संबोधित करते हुए कही है। नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि कृषि एमएसएमई और मत्स्य पालन एमएसएमई क्षेत्र में खोज करने की आवश्यकता है। उन्होंने उद्योग जगत से आग्रह किया कि मौजूदा संकट से बाहर निकलने के लिए इन कठिन समय में सकारात्मक रवैया निरंतर अपनाया जाना चाहिए क्योंकि नकारात्मकता किसी के लिए भी लाभदायक नहीं है। इस बात को याद करते हुए कि जापान सरकार ने चीन से जापानी निवेश को बाहर करने और अन्यत्र जाने के लिए अपने उद्योगों को विशेष पैकेज की पेशकश की है, उन्होंने सलाह दिया कि यह भारत के लिए एक अच्छा अवसर है जिसको लपक लेना चाहिए। गडकरी ने हरित एक्सप्रेस राजमार्ग परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि नई दिल्ली-मुंबई ग्रीन एक्सप्रेस वे पर काम शुरू हो चुका है जो ग्रामीण, जनजातीय और पिछड़े इलाकों से होकर गुजरता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह उद्योग के लिए सुनहरा अवसर है कि वे भविष्य में औद्योगिक समूहों, ग्रामीण, जनजातीय और कम विकसित क्षेत्रों से गुजरने वाले रास्ते में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से सुसज्जित लॉजिस्टिक्स पार्कों में निवेश करे। मेट्रो/ बड़े शहरों से उद्योगों के विकेंद्रीकरण पर काम करने की आवश्यकता को बताते हुए उन्होंने कहा कि देश के ग्रामीण, आदिवासी और पिछड़े इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
इस हफ्ते आ सकती है ऋण गारंटी योजना
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना इस हफ्ते जारी होने की संभावना है। यह सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा है। सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैंक छोटे कारोबारों के लिए तीन लाख करोड़ रुपये के रेहन मुक्त ऋण की पेशकश करेंगे। इसके लिए 9.25 प्रतिशत वार्षिक की आकर्षक ब्याज दर रखी जा सकती है। वर्तमान में बैंक जोखिम आकलन के आधार पर एमएसएमई क्षेत्र को 9.5 प्रतिशत से 17 प्रतिशत की दर के ब्याज पर ऋण देते हैं। सूत्रों ने कहा कि इसी के साथ गैर-बैकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा वितरित किए जाने वाले ऋण पर अधिकतम ब्याज दर को 14 प्रतिशत किया जा सकता है। सरकार से अनुमति मिलने के बाद यह योजना इसी हफ्ते पेश किए जाने की संभावना है।
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