चुनाव से पूर्व भाजपा-जदयू के रिश्तों में पड़ी दरार

0-अब जमालपुर से रेलवे प्रशिक्षण केंद्र हटाने पर विवाद
0-नीतीश ने पीयूष को लिखा पत्र मंत्री ने आदेश को बताया ढिठाई
0-भाजपा अध्यक्ष जायसवाल बोले चुके हैं नीतीश सरकार पर सार्वजनिक हमला
नई दिल्ली,06 मई (आरएनएस)। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और जदयू के रिश्तों में खटास बढ़ रही है। ताजा मामले में रेल मंत्रालय के एक निर्णय पर केंद्र और राज्य सरकार आमने सामने है। रेलवे ने बिहार के जमालपुर स्थित 93 साल पुराने इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मेकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (आईआरआईएमईई) को स्थानांतरिक कर लखनऊ लाने का आदेश दिया है। इस फैसले पर केंद्र और राज्य के बीच तकरार बढ़ रहा है।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जहां रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिख कर इस फैसले के औचित्य पर सवाल उठाया है। इस पत्र में नीतीश ने कहा है कि यह संस्थान राज्य के समृद्घ विरासत का प्रतिनिधत्व करता है। बिहार के साथ इस संस्थान का ऐतिहासिक संबंध है। जरूरत इसे मजबूत करने की है न कि इसे बिहार से अलग करने की। बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने इस फैसले को केंद्र की ढिठाई करार दिया।उन्होंने कहा कि साल 1927 में इसकी स्थापना हुई। यह रेलवे की शीर्ष प्रतिभा को प्रशिक्षित करने का सबसे प्रतिष्ठिïत केंद्र है। केंद्र नौ दशक से भी अधिक पुरानी इस विरासत को इतने ढिठाई के साथ कैसे मिटा सकता है।
बीते कुछ दिनों में यह पहला मौका नहींं है जब राज्य में सत्तारूढ़ जदयू-भाजपा गठबंधन में सार्वजनिक रूप से सब कुछ ठीक न होने का संदेश गया हो। एक सप्ताह पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने सार्वजनिक तौर पर राज्य सरकार में नौकरशाही के हावी होने का आरोप लगाया था। जायसवाल ने साफ साफ कहा था कि राज्य के अधिकारी किसी की सुनते नहीं हैं। इससे भी पहले जब लॉकडाउन के दौरान कोटा से छात्रों को वापस बुलाने के सवाल पर नीतीश और विपक्ष के बीच तकरार चल रही थी तब उसी दौरान राज्य भाजपा से जुड़े विधायक ने लॉकडाउन पास हासिल कर कोटा से अपनी बेटी को वापस ले आए थे। इससे नीतीश की छीछालेदार हुई थी।
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