प्रदेश में 34 केंद्रों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास की खरीद जारी
0-लॉकडाउन अवधि में कुल 36,500 क्विंटल की 6900 गाठें खरीदी गईं
मुंबई,04 मई (आरएनएस)। महाराष्ट्र में कृषि उत्पाद बाजार समिति एपीएमसी में कपास बेचने आने वाले किसानों को हो रही समस्याओं के बारे में मीडिया में आई खबरों को देखते हुए कपड़ा मंत्रालय ने किसानों को आश्वस्त किया है कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) अपने एजेंट, महाराष्ट्र स्टेट कॉटन ग्रोवर्स मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के साथ मिलकरभारत सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) के आधार पर ही कपास की खरीद करेगी।
महाराष्ट्र में अक्टूबर, 2019 से ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास की खरीद जारी है। 25 मार्च, 2020 तक, सीसीआई महाराष्ट्र में कपास उत्पादक किसानों से अपने 83 केन्द्रों के माध्यम से 42.55 करोड़ रुपए मूल्य की 91.90 लाख क्विंटल कपास की खरीद कर चुका था।
25 मार्च, 2020 तक महाराष्ट्र में उत्पादित कुल कपास का लगभग 77.40 प्रतिशत बाजारों में पहुंच चुका था और सीसीआई और निजी व्यापारियों को बेचा जा चुका था। लॉकडाउन के समय लगभग 22.60 प्रतिशत कपास की आवक होनी बाकी थी। अनुमान है कि इसमें से करीब 2100 करोड़ रुपए मूल्य की 40 से 50 प्रतिशत कपास एफएक्यू ग्रेड की हो सकती है और ऐसे में कोविड महामारी की स्थिति को देखते हुए व्यापारियों द्वारा बेहतर कीमत नहीं मिलने की स्थिति में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ उठाना चाह सकते हैं।
इस बीच महाराष्ट्र में सीसीसीआई के 34 केन्द्रों पर एमएसपी की दर से कपास की खरीद जारी है। अबतक इन केन्द्रों पर लॉकडाडन की अवधि में कुल 36,500 क्विंटल की 6900 कपास गांठों की खरीद की जा चुकी है।
कपास की खरीद प्रक्रिया को राज्य की एपीएमसी द्वारा विनियमित किया जाता है। जिला प्रशासन द्वारा एपीएमसी के 27 केन्द्र रेड जोन इलाके में डाले गए हैं। इन केन्द्रों के जरिए 3मई 2020 के बाद कपास की खरीद किए जाने की उम्मीद है।शेष 22 केन्द्रों में कपास लाने के लिए किसानों को पास / टोकन जारी करने के लिए सीसीआई द्वारा राज्य सरकार से संपर्क किया गया है और एपीएमसी में किसानों के आने तथा कपास खरीद प्रक्रिया पर दैनिक रिपोर्ट के माध्यम से कपड़ा मंत्रालय द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है।
महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी कपास खरीद प्रक्रिया को लेकर आ रही नित नई समस्याओं के समाधान के लिए सीसीआई के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।कपड़ा मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार को कपास बेचने के लिए एपीएमसी में उचित व्यवस्था करने के लिए एडवाइजरी भी जारी की है ताकि किसान घबराहट में आकर औने पौने दाम पर कपास बेचने के लिए विवश न हों।
किसानों को खरीदे गए कपास का बकाया भुगतान करने के लिए सीसीआई द्वारा कदम उठाए गए हैं। अबतक कुल 4995 करोड़ रुपये की कपास खरीदी जा चुकी है जिसमें से 48787 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किसानों को किया जा चुका है।
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