छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों की वापसी के लिए मांगी 28 ट्रेनें
0-मुख्यमंत्री बघेल ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र
नई दिल्ली ,02 मई (आरएनएस)। छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर उनसे छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों की वापसी के लिए देश के विभिन्न शहरों से 28 ट्रेनों के संचालन का अनुरोध किया है। बघेल ने भारत सरकार द्वारा फंसे हुए मजदूरों की उनके घर तक वापसी के लिए ट्रेनों के संचालन के निर्णय का स्वागत करते हुए मानवीय आधार पर रेल्वे द्वारा ट्रेनों के संचालन की नि:शुल्क व्यवस्था करने और ट्रेनों के संचालन के लिए जल्द से जल्द तारीख और समय तय करने का आग्रह किया है।
रेल मंत्री को मुख्यमंत्री ने लिखे अपने पत्र में कहा है कि देश भर में पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा भी कोविड-19 का बहादुरी से मुकाबला किया जा रहा है। हमने अपने राज्य में इस महामारी के संक्रमण को रोकने में काफी हद तक सफलता पायी है। इस समय छत्तीसगढ़ के बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं। हेल्पलाइन और अन्य माध्यमों से प्राप्त सूचना के अनुसार लगभग 1.17 लाख से भी अधिक प्रवासी कामगार देश के 21 राज्यों और 4 केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे होने की जानकारी है। परिवहन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद संख्या बढ़ सकती है। यदि प्रवासी श्रमिकों के अलावा अन्य लोगों जैसे छात्र, पर्यटक आदि को जोड़ते हैं तो यह संख्या बहुत बड़ी होगी। बघेल ने कहा कि भारत सरकार के द्वारा फंसे हुए मजदूरों की उनके घर तक वापसी के लिए ट्रेनों के संचालन के निर्णय का स्वागत करता हूं। इस संदर्भ में आपके संज्ञान में लाना चाहूंगा कि हमारे प्रशासनिक तंत्र को विभिन्न राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करने और फंसे हुए लोगों और विशेष रूप से फंसे हुए श्रमिकों के सुरक्षित आवागमन के लिए योजना बनाने के लिए निर्देशित किया है। देश भर में फंसे हुए लोगों के लिए जो ट्रेने विशेष रूप से संचालित की जा रही हैं, उसे फंसे हुए मजदूरों और व्यापक लॉकडाउन से प्रभावित लोगों को बिना किसी परेशानी के आगे की यात्रा के लिए नि:शुल्क संचालित की जानी चाहिए। रेल्वे बोर्ड के द्वारा एक मई को जारी पत्र के अनुसार स्लीपर मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेन के लिए शुल्क निर्धारित किया गया है, जो कि उचित नहीं है क्योंकि सभी प्रवासी श्रमिक लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं और पीडि़त हैं। मानवीय आधार पर रेल्वे द्वारा नि:शुल्क व्यवस्था की जानी चाहिए। इस संबंध में आपसे अनुरोध करता हूं कि प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों एवं नागरिकों की वापसी हेतु पर्याप्त संख्या में ट्रेनों का संचालन करने का कष्ट करें। बघेल ने जम्मू से रायपुर-बिलासपुर 7 ट्रेनें, लखनऊ से रायपुर-बिलासपुर 3 ट्रेनें, कानपुर से रायपुर-बिलासपुर 2 ट्रेनें, चेन्नई से रायपुर-बिलासपुर 1 ट्रेन, बंगलौर से रायपुर-बिलासपुर 1 ट्रेन, पुणे से रायपुर-बिलासपुर 2 ट्रेनें, इलाहाबाद से बिलासपुर 1 ट्रेन, दिल्ली से रायपुर-बिलासपुर 3 ट्रेनें, हैदराबाद-सिकंदराबाद से रायपुर-बिलासपुर 3 ट्रेनें, विशाखापट्नम से रायपुर 1 ट्रेन, सूरत-अहमदाबाद से रायपुर 1 ट्रेन, कोलकाता से रायपुर 1 ट्रेन, जयपुर से रायपुर 1 ट्रेन, पटना से दुर्ग 1 ट्रेन के संचालन का आग्रह किया है।
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