सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर प्रशासन का 4जी इंटरनेट सेवा देने का विरोध

नई दिल्ली,01 मई (आरएनएस)। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 4जी इंटरनेट सेवा बहाल करने का विरोध करते हुए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि जम्मू कश्मीर के भीतर सक्रिय आतंकी माड्यूल और सीमा पार बैठे उनके आका फर्जी खबरें प्रसारित करके लोगों को भड़का रहे हैं।
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 4जी इटरनेट सेवा बहाल करने का विरोध करते हुए न्यायालय में एक हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में कहा गया है कि आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और भड़काऊ सामग्री, विशेष रूप से फर्जी खबरों तथा फोटो और वीडियो क्लिप के प्रसारण से लोगों को उकसाने के लिए इंटरनेट सेवा के दुरूपयोग की आशंका है जो सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा है। प्रशासन ने अपने हलफनामे में कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश के भीतर सक्रिय आतंकी माड्यूल और सीमा पार से उनके आका आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए फर्जी खबरें और लक्षित संदेश संप्रेषित करके लोगों को भड़काते हैं और आतंकवादी हमले की योजना बनाते हैं और इसके लिए तालमेल करते हैं।
प्रशासन ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर केंद्र शासित प्रदेश में 4जी इंटरनेट सेवा बहाल करने के लिए फाउण्डेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स की याचिका के जवाब में यह हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित द रेजिस्टेन्स फ्रंट (टीआरएफ) और तहरीकी-मिलत-ए-इस्लामी (टीएमआइ) जैसे आतंकवादी संगठन घाटी के युवकों को आतंकवाद में शामिल होने के लिए उकसा रहे है। वे संदेश संप्रेषित करने और आतंकवादियों का हौसला बढ़ाने के लिये संदेश भेजने वाले ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि 2जी मोबाइल डाटा सेवा ऐसे ऐप के इस्तेमाल को काफी हद तक सीमित कर देती है। प्रशासन का कहना है कि 4जी इंटरनेट सेवा बहाल करने से वीडियो क्लिप और दूसरी प्रचार सामग्री अपलोड करने और उसे डाउनलोड करने के लिए सोशल मीडिया और दूसरे ऑनलाइन प्लेटफार्म का इस्तेमाल काफी हद तक बढ़ जाएगा। इस तरह की सामग्री का तेजी से प्रसारण होने से कश्मीर घाटी में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ेगी।
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