लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों के लिए चलाई श्रमिक स्पेशल ट्रेन

0-भारतीय रेलवे ने श्रमिक दिवस पर दिया तोहफा
नई दिल्ली,01 मई (आरएनएस)। कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश में जारी लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न भागों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों व पर्यटकों आदि को उनके घर पहुंचाने के लिए यात्रा की अनुमति देने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन लोगों की आवाजाही के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है।
गृह मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक, एक मई यानी अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जाएंगी। इसके बाद रेलवे ने छह श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की। एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के कारण फंसे हुए लोगों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनों के इस्तेमाल की अनुमति दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव ने प्रेसवार्ता में कहा कि राज्य और रेलवे बोर्ड मिलकर इसके लिए जरूरी इंतजाम करेंगे। मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों को रेल मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली विशेष ट्रेनों से यात्रा करने की अनुमति दी जाती है। रेल मंत्रालय राज्यों से संपर्क करते हुए नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा और टिकटों की बिक्री के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। रेल मंत्रालय ने बताया कि ये ट्रेनें तेंलगाना के लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया, महाराष्ट्र के नासिक से उत्तर प्रदेश के लखनऊ, केरल अलुवा से ओडिशा के भुवनेश्वर, नासिक से मध्यप्रदेश के भोपाल, राजस्थान के जयपुर से बिहार के पटना और राजस्थान के कोटा से हटिया के बीच चलेंगी। रेलवे ने पहली ऐसी ट्रेन शुक्रवार सुबह 4.50 बजे हैदराबाद से झारखंड को रवाना की। इस ट्रेन से 1200 यात्री भेजे गए।
रेलवे ने भी दिये दिशानिर्देश
गृह मंत्रालय द्वारा विशेष ट्रेन चलाने की अनुमति देने के बाद रेल मंत्रालय ने इस संबंध में कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। रेलवे ने कहा है कि राज्य ट्रेन पर चढऩे के स्थानों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग कराएंगे, केवल उन्हीं को यात्रा की अनुमति दी जाएगी, जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं दिखेंगे। रेल मंत्रालय ने कहा है कि विशेष ट्रेन फंसे हुए लोगों को भेजने या प्राप्त करने के लिए प्रोटोकॉल के तहत दोनों राज्यों के अनुरोध पर चलाई जाएंगी। मंत्रालय द्वारा विशेष ट्रेन चलाने की अनुमति देने के बाद रेल मंत्रालय ने इस संबंध में कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। रेलवे ने कहा है कि राज्य ट्रेन पर चढऩे के स्थानों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग कराएंगे, केवल उन्हीं को यात्रा की अनुमति दी जाएगी, जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं दिखेंगे। रेल मंत्रालय ने कहा है कि विशेष ट्रेन फंसे हुए लोगों को भेजने या प्राप्त करने के लिए प्रोटोकॉल के तहत दोनों राज्यों के अनुरोध पर चलाई जाएंगी।
यात्रियों को इन नियमों का करना होगा पालन
ट्रेन में चढऩे से पहले यात्री की स्क्रीनिंग होगी। यात्री में कोविड-19 के लक्षण न दिखने पर ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी। यह स्क्रीनिंग यात्रियों को भेजने वाला राज्य कराएगा। यात्रियों के लिए मास्क या फेस कवर पहनना अनिवार्य होगा। यात्रियों को भोजन और पीने का पानी उन्हें भेजने वाला राज्य प्रारंभिक स्टेशन पर ही उपलब्ध कराएगा। सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई और अन्य सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। लंबे समय की यात्रा में रेलवे यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था करेगा। अपने गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने के बाद उनके गृह राज्य की सरकार उनकी स्क्रीनिंग, क्वारंटीन आदि की व्यवस्था करेगी।
सैनिटाइज बसों में यात्रियों को स्टेशन तक लाएं राज्य
रेलवे ने कहा है कि यात्रियों को भेजने वाले राज्य यात्रियों को समूह में लाएं जिससे ट्रेन में उनके बैठने की व्यवस्था करने में आसानी हो। रेलवे ने यह भी निर्देश दिया है कि यात्रियों को भेजने वाले राज्य उन्हें सैनिटाइज की हुई बसों में सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सुरक्षा मानकों का पालन कराते हुए ही स्टेशन तक लाएं।
छत्तीसगढ़ के सीएम ने पीएम मोदी से की स्पेशल ट्रेन की मांग
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर लॉकडाउन के बीच दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए पॉइंट टू पॉइंट स्पेशल ट्रेन की मांग की है। पत्र में लिखा गया है, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से पहले ही अनुरोध किया जा चुका है।
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