लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था का लॉकआउट हुआ:कांग्रेस

0-सरकार से की राष्ट्रीय स्तर पर योजना बनाने की मांग
नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को सरकार से आग्रह किया कि कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर योजना बनाई जाए। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के समय में ‘अर्थव्यवस्था का लॉकआउटÓ हो गया है और ऐसे में सरकार को कदम उठाने की जरूरत है।
सिब्बल ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री जी, आप सलाह दीजिए, लेकिन कभी-कभी कांग्रेस पार्टी की सलाह भी ले लीजिए। कांग्रेस नेता के मुताबिक कोविड-19 के बाद नया हिंदुस्तान बनाना है। हम सब मिल जुलकर देश को आगे बढ़ाएं। उन मुद्दों पर ध्यान दें जो देश को आगे बढ़ाने वाले हैं। इनमें शिक्षा और स्वास्थ्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। प्रधानमंत्री बताएं कि इन पर उनकी योजना क्या है। सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर होने की बात करते हैं। अगर भारत को आत्मनिर्भर होना है, यह कैसे होगा? हम तो बाहर की कंपनियों पर निर्भर हैं। ज्यादातर कपंनियां तो बाहर हैं। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल का दाम 20 डॉलर हो गया है और पेट्रोल एवं डीजल की कीमत वही बनी हुई है। आप इसका फायदा जनता को क्यों नहीं दे रहे हैं? सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि रोकने का उल्लेख करते हुए उन्होंने सवाल किया कि यह कदम क्यों उठाया गया? उन्होंने आपदा मोचन अधिनियम-2005 का हवाला देते हुए कहा कि इस कानून के मुताबिक एक राष्ट्रीय प्राधिकरण होता है जिसमें नौ मनोनीत सदस्य होते हैं इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं। इसके तहत एक राष्ट्रीय योजना बनानी होती है। सिब्बल ने सरकार से आग्रह किया कि हमारी सलाह है कि जल्द से जल्द एक राष्ट्रीय योजना बनाइए। सिब्बल के अनुसार इस कानून के तहत लोगों को दी जाने वाली सुविधाएं भी लिखित हैं। लेकिन सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने मूडीज और कुछ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुमान का उल्लेख करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि भारत की विकास दर नकारात्मक रहेगी। इस स्थिति के लिए सरकार और प्रधानमंत्री को तैयार रहना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्यों के पास पैसे नहीं है और ऐसे में केंद्र को उन्हें धन मुहैया कराना चाहिए।
केन्द्रीय कर्मचारियों का डीए रोकने का विरोध
केंद्र सरकार की ओर से कर्मचारियों का महंगाई भत्ते रोकने पर राहुल गांधी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने भी नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह ने कहा है कि मौजूदा वक्त में सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक रूप से मुश्किल में डालना गैरजरूरी है। इससे पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार के इस फैसले को अमानवीय और असंवेदनशील करार दे दिया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने गुरुवार को 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों को दिए जाने वाला महंगाई भत्ता रोकने का फैसला लिया था। सरकार के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से सरकार पर पड़े आर्थिक बोझ के कारण ये फैसला लिया गया है।
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