हर जनधन, पेंशन, किसान खाते में सरकार डाले 7500 रुपये:जयराम रमेश

0-कांग्रेस सलाहकार समिति जल्द केंद्र को भेजेगी अपनी सिफारिशें
नई दिल्ली,20 अपै्रल (आरएनएस)। कोरोना वायरस लॉकडाउन में गरीबों और जरूरतमंद लोगों के खातों में मोदी सरकार की ओर से ट्रांसफर की गई सहायता राशि को नाकाफी बताते हुए कांग्रेस पार्टी ने हर खाते में 7500 रुपये देने की मांग की है।
कांग्रेस पार्टी वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि सरकार को सभी जनधन, किसान सम्मान और पेंशन योजनाओं से जुड़े खातों में 7500 रुपये डालने चाहिए। रमेश भी कांग्रेस की गठित की गई एक 11 सदस्यीय सलाहकार समूह के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि हर जनधन खाते, पेंशन खाते और पीएम किसान अकाउंट में 7500 रुपये जमा किए जाएं। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के नेतृत्व में गठित सलाहकार समूह की पहली बैठक के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार के सामने यह मांग रखी है। दरअसल कांग्रेस पार्टी के सलाहकार समूह की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने अब तक जो कदम उठाए हैं वो अपर्याप्त हैं। हम सरकार को अपनी तरफ से सुझाव देंगे। लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को पुनर्जीवित करने, फसल खरीद और पलायन समस्या को लेकर कांग्रेस पार्टी ने एक वृस्तृत प्लान तैयार किया है। इसे 1-2 दिन में मोदी सरकार को सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने एमएसएमई को नया जीवन देने के लिए बहुत ठोस प्लान तैयार किया है। हम जल्द इसे सरकार को सौंपेंगे।
कितनी मदद दी है मोदी सरकार ने?
कोरोना लॉकडाउन में गरीबों की मदद के लिए 26 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। इसके तहत जरूरतमंद लोगों को अनाज और कैश ट्रांसफर की घोषणा की गई थी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि था कि योजना के तहत किसानों, मनरेगा, गरीब विधवा, गरीब पेंशनधारी और दिव्यांगों, और जनधन अकाउंट धारी महिलाओं, उज्ज्वला योजना की लाभार्थी महिलाएं, स्वंय सेवा समूहों की महिलाओं और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों को मदद दी जाएगी। सभी महिला जनधन खाताधारकों को तीन महीने तक 500-500 रुपये, विधवा, बुजुर्ग पेंशन खातों में 500 रुपये और पीएम किसान लाभार्थियों को 2 हजार रुपये की किस्त देने की घोषणा की थी। सरकार ने अब तक कुल 36,659 करोड़ रुपये लोगों के खातों में डीबीटी के जरिए भेजे हैं।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »