सुप्रीम कोर्ट ने बाल संरक्षण गृहों की स्थिति का लिया संज्ञान

0-कोरोना वायरस
नई दिल्ली,02 अपै्रल (आरएनएस)। उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए देश में बाल संरक्षण गृहों की स्थिति का स्वत: संज्ञान लिया है और वह शुक्रवार को इस मामले पर विचार करेगा। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ बाल संरक्षण गृहों में कोविड-19 संक्रमण के खतरे पर शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करेगी।
शीर्ष अदालत ने 16 मार्च को देश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी होने का संज्ञान लिया था और कहा था कि इसमें कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कैदियों के बीच दूरी बनाना कठिन है। न्यायालय ने बाल सुधार गृहों और बाल संरक्षण गृहों में भी कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के पहलू पर विचार किया था। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने 23 मार्च को सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को उच्च स्तरीय समिति गठित करके ऐसे दोषियों और विचाराधीन कैदियों को पेरोल और अंतरिम जमानत पर रिहा करने पर विचार करने के लिये कहा था जिनके अपराधों के लिए सात साल तक की सजा है। यही नहीं, न्यायालय ने कोरोना वायरस की वजह से देश भर में स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों को मध्यान्ह भोजन नहीं मिलने के मुद्दे पर भी विचार किया था। न्यायालय ने इस मामले में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी करके पूछा था कि स्कूली बच्चों को किस तरह से मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »