दिल्ली में लॉकडाउन का उल्लंघन पर डीएम-डीसीपी होंगे जिम्मेदार

नई दिल्ली,30 मार्च (आरएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने लॉकडाउन का किसी भी प्रकार से उल्लंघन होने पर संबंधित क्षेत्र के जिलाधिकारियों और पुलिस उपायुक्तों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के सोमवार को निर्देश दिए। उपराज्यपाल ने डीएम और डीसीपी को निर्देश दिया है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान बिना ई-पास या वाजिब कारण के घूमते पाए गए लोगों को प्रशासन द्वारा स्थापित जिला आश्रय स्थलों में भेजा जाए। उच्च स्तरीय बैठक में ये निर्देश जारी किए गए। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, जिलाधिकारियों, पुलिस उपायुक्तों ने हिस्सा लिया।
बैजल और केजरीवाल ने की उपायों पर चर्चा
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यन से बैठक के बाद ट्वीट किया कि सभी जिलाधिकारियों और पुलिस उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में कहीं भीड़भाड़ जमा न हो। बैजल ने कहा कि जरूरी सेवाओं को छोड़कर किसी भी अन्य तरह की आवाजाही की अनुमति नहीं होगी और हर हाल में सामाजिक मेल-जोल से परहेज बनाए रखा जाना चाहिए।
राजधानी में अब तक कोरोना वायरस के 72 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में सोमवार को कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 1071 हो गई जबकि 29 लोगों की मौत हो चुकी है।
सरकार ने आईएएस अधिकारियों से मांगी प्रतिक्रिया
वहीं, केंद्र सरकार ने 600 से अधिक आईएएस अधिकारियों से कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार की तैयारियों से संबंधित एक प्रश्नावली देकर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पांच बैचों (2014-2018) के अधिकारियों को प्रश्नावली पर उत्तर देने को कहा गया है। ये अधिकारी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद केंद्र सरकार के विभागों में सहायक सचिव के तौर पर सेवारत थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर कहा कि उन्हें प्रश्नावली में 23 प्रश्नों के उत्तर देने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि प्रतिभागी अफसरों के जवाबों के आधार पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की जाएगी जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ साझा किया जाएगा। अधिकारी के अनुसार इससे पहले 400 से अधिक आईएएस अफसरान अपने जवाब साझा कर चुके हैं। यह प्रक्रिया 25 मार्च को शुरू हुई थी।
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