लॉक डाउन में किराएदारों से किराया वसूली पर लगाई गई रोक
बिलासपुर, 30 मार्च (आरएनएस)। कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए देश में किए जा रहे लॉक डाउन के बीच किराएदारों के लिए एक अच्छी खबर है। कलेक्टर के निर्देश पर किराए में रहने वाले लोगों से किराया न वसूलने का निर्देश जारी किया गया ह।
सूत्रों ने बताया कि देश में चल रहे लॉक डाउन के दौरान छत्तीसगढ़ के कई जिलों में कलेक्टरों ने मकान मालिक को किराये वसूलने पर रोक लगाई है। कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि वो किरायेदारों से किरायों की वसूली नहीं करें। दरअसल कोरोना की वजह से कई डाक्टरों के अलावे तंगी से गुजर रहे किरायेदारों से पैसे मांगने और नहीं देने पर मकान खाली कराने जैसी शिकायतें मिल रही थी, जिसके बाद बालोद, राजनांदगांव, बिलासपुर और कवर्धा कलेक्टर ने मकान मालिकों पर किराया वसूली पर रोक लगा दी है। बालोद कलेक्टर रानू साहू, राजनांदगांव कलेक्टर जेपी मौर्य, बिलासपुर कलेक्टर संजय अलंग और कवर्धा कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को दृष्टिगत करते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के तहत आगामी आदेश तक किराए में रह रहे किराएंदारों को राहत पहुंचाने के लिए आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि कोई भी मकान मालिक द्वारा आगामी आदेश तक किराया नहीं मांगा जाएगा और ना ही किराएदारों को परेशान करेंगे। किसी भी स्थिति में मकान खाली करने की धमकी या दवाब ना डालने के लिए कहा गया है। मकान मालिक द्वारा किराया मांगकर परेशान करने पर क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी को मैसेज या दूरभाष पर सुचित कर सकते है। यदि जिले में किसी भवन स्वामी द्वारा उक्त आदेश का उल्लंघन किया जाएगा तो राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी,जिसमें एक वर्ष तक की सजा या अर्थदण्ड या दोनों हो सकता है। और यदि आदेश के उल्लघन से किसी भी तरह की जान-माल की क्षति होती तो यह सजा दो वर्ष तक भी हो सकती है। यदि किसी भवन स्वामी द्वारा उक्त आदेश का उल्लंघन किया जाता है तो प्रभावित व्यक्ति द्वारा इसकी सूचना जिला के कंट्रोल रूम में दी जा सकती है। यह आदेश संपूर्ण कबीरधाम जिले में तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।