निर्भया के गुनाहगारों को आज होगी फांसी

नई दिल्ली,19 मार्च (आरएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया मामले के चार में से तीन दोषियों की मौत की सजा पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेन्द्र राणा ने अक्षय कुमार, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की मृत्युदंड पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी। याचिका में कहा गया है इनमें से एक की दूसरी दया याचिका अब भी लंबित है। निर्भया की वकील ने कहा है कि मुझे यकीन है कि सभी दोषियों को कल सुबह साढ़ें पांच बजे फांसी की सजा होगी।
अदालत को सरकारी अभियोजक ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किए बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गई थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है। उन्होंने अदालत को बताया कि दोषियों के वकील ए पी सिंह झूठी सूचना दे रहे हैं कि पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका लंबित है और उन्होंने कहा कि सभी दोषियों ने अपने कानूनी उपायों का इस्तेमाल कर लिया है। सिंह ने यह भी कहा कि अक्षय की पत्नी ने बिहार की एक अदालत में तलाक की अर्जी दायर की है जो अभी लंबित है। इस पर विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि कोई अन्य याचिका मौजूदा मामले के कानूनी उपाय के दायरे में नहीं आती है।
पवन गुप्ता की सुधारात्मक याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निर्भया मामले के दोषी पवन गुप्ता की उस सुधारात्मक याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया, जिसमें उसने 2012 में हुए इस अपराध के समय नाबालिग होने का दावा किया था। न्यायमूर्ति एन.वी. रमण के नेतृत्व में छह न्यायाधीशों की एक पीठ ने उसकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह कोई मामला नहीं बनता। पीठ ने कहा, श्श् मौखिक सुनवाई का अनुरोध खारिज किया जाता है। हमने सुधारात्मक याचिका और संबंधित दस्तावेजों पर गौर किया। हमारे अनुसार यह कोई मामला नहीं बनता… इसलिए हम सुधारात्मक याचिका को खारिज करते हैं। पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन, न्यायमूर्ति आर. भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर. एस. बोपन्ना भी शामिल थे। गौरतलब है कि पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था। अदालत को बृहस्पतिवार को सूचित किया गया कि सभी दोषी अपने सभी कानूनी और संवैधानिक विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं और उनके बचने के लगभग सभी रास्ते बंद हो चुके हैं।
दोषी अक्षय की पत्नी का हाईवोल्टेज ड्रामा
निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड मामले के सजायाफ्ता चार दोषियों में से एक अक्षय सिंह की पत्नी बृहस्पतिवार को पटियाला हाउस अदालत के बाहर बेहोश हो गई। उसने बेहोश होने से पहले कहा कि उसे और उसके नाबालिग बेटे को भी फांसी दे दी जाए। अदालत के बाहर चीखते हुए उसने कहा कि मुझे भी न्याय चाहिए। मुझे भी मार दो। मैं जीना नहीं चाहती। मेरा पति निर्दोष है। यह समाज उसके पीछे क्यों पड़ा है? उसने कहा कि हम इस उम्मीद में जी रहे थे कि हमें न्याय मिलेगा लेकिन पिछले सात साल से हम रोज मर रहे हैं। सिंह की पत्नी ने खुद को सैंडल से मारना शुरू कर दिया जिसके बाद वकीलों ने उसे समझाया-बुझाया। हालांकि पीडि़ता के परिजन के वकील ने कहा कि दोषियों को कोई रियायत नहीं मिलनी चाहिए। वकील ने कहा कि अक्षय हमारे समाज का हिस्सा है। अप्राकृतिक मौत से हर किसी को दुख होता है लेकिन अक्षय के साथ कोई नरमी नहीं बरती जानी चाहिए।
पवन ने तिहाड़ में की फांसी देने का अभ्यास
दिल्ली की तिहाड़ जेल में निर्भया मामले के चार दोषियों को फांसी देने के लिए पवन जल्लाद ने बुधवार को पुतलों को फांसी देकर अभ्यास किया। दोषियों को जेल में शुक्रवार को फांसी दी जानी है। उधर दिल्ली हाईकोर्ट ने एक दोषी की एक और याचिका को खारिज कर दिया है। जेल अधिकारियों ने बताया कि पवन मंगलवार को मेरठ से राजधानी पहुंचे और उन्होंने रस्सी से पुतलों को फांसी देकर अभ्यास किया। इस रस्सी का इस्तेमाल दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाने के लिए होगा। तिहाड़ जेल के इतिहास में यह पहली बार होगा जब एक ही अपराध के लिए एक ही समय पर चार दोषियों को फांसी दी जाएगी। पवन अपने परिवार में तीसरे पीढ़ी के जल्लाद हैं। उन्होंने पहले कहा था कि उनके दादा ने सतवंत सिंह और केहर सिंह को फांसी पर लटकाया था। इन दोनों को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के संबंध में फांसी दी गई थी। इसके अलावा उनके दादा ने कुख्यात अपराधी रंगा और बिल्ला को भी फांसी दी थी।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »