ईडीएफएनएल ने 8 लाख महिलाओं के लिए परोक्ष रुप से रोजगार सृजन किया
नईदिल्ली,05 मार्च (आरएनएस)। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की योजनाओं में आमतौर पर महिलाओं एवं पुरुषों दोनों के ही हितों का ध्यान रखा जाता है और इन योजनाओं के जरिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास में किसी तरह की कमी को पूरा किया जाता है।
इनमें से एक आजीविका कार्यक्रम है, जिसे ‘पूर्वोत्तर क्षेत्र समुदाय संसाधन प्रबंधन परियोजनाÓ नाम दिया गया है। इस कार्यक्रम से महिलाएं लाभान्वित होती रही हैं। एक अन्य आजीविका योजना ‘पूर्वोत्तर ग्रामीण आजीविका परियोजना (एनईआरएलपी)Ó 30 सितंबर, 2019 को पूरी हो चुकी है। इसी तरह मंत्रालय के अधीनस्थ दो सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसयू) यथा पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम (नेरामैक) और पूर्वोत्तर हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम (एनईएचएचडीसी) ने भी कुछ महिला उद्यमियों को लाभान्वित किया है। इसके अलावा, गन्ना एवं बांस प्रौद्योगिकी केंद्र (सीबीटीसी) और पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम ने इस क्षेत्र की महिलाओं को लाभान्वित किया है, जिसका विवरण नीचे दिया गया है :
पूर्वोत्तर क्षेत्र समुदाय संसाधन प्रबंधन परियोजना एक आजीविका कार्यक्रम है, जिसे चार राज्यों यथा अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और मेघालय में कार्यान्वित किया जा रहा है। इसका संचालन पूर्वोत्तर क्षेत्र समुदाय संसाधन प्रबंधन सोसायटी के अधीन किया जा रहा है, जो पूर्वोत्तर परिषद के अधीन एक पंजीकृत सोसायटी है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय 683 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत से पांच वर्षों तक चार राज्यों यथा मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में विश्व बैंक से सहायता प्राप्त पूर्वोत्तर ग्रामीण आजीविका परियोजना कार्यान्वित कर रहा था। इस परियोजना का उद्देश्य इन चारों राज्यों में ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं, बेरोजगार युवाओं एवं नागरिक सुविधाओं से सर्वाधिक वंचित लोगों की आजीविका को बेहतर बनाना था। यह परियोजना 30 सितंबर, 2019 को पूरी हो गई। इस कार्यक्रम के तहत 28,154 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है, जिनमें 3,44,549 लोग शामिल हैं। इनमें महिला लाभार्थियों की संख्या 2,92,881 है।
पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम ने अपनी एकीकृत निर्यात विकास परियोजना के तहत असम और मिजोरम की 35 महिला लाभार्थियों को सहयोग दिया है। पूर्वोत्तर परिषद द्वारा वित्त पोषित इस कार्यक्रम के तहत असम के गुवाहाटी और मिजोरम के आइजोल में निर्यात प्रबंधन पर कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था।
सतत आजीविका कार्यक्रम
पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम कारीगरों को वैकल्पिक सतत आजीविका प्रदान करने के लिए विभिन्न तरह के व्यवसायों पर कार्यक्रम आयोजित करता है। इन पहलों के जरिए निगम ने फरवरी, 2020 तक 10,470 लाभार्थियों को कवर किया है, जिनमें से 80 प्रतिशत से भी अधिक महिला लाभार्थी हैं।
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