दिल्ली हिंसा में गोली से ज्यादा घातक साबित हुई गुलेल

नई दिल्ली, 01 मार्च (आरएनएस)। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में भड़की हिंसा के दौरान गोली-बम से ज्यादा घातक गुलेल साबित हुई है। यह कोई आम गुलेल नहीं थीं। ये गुलेल सैकड़ों की संख्या में मिली हैं। हिंसा की जांच कर रही दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की एसआईटी को 10-15 घरों के बाद किसी न किसी एक घर की ऊंची छत पर गुलेल मिली है।
मुस्तफाबाद, मौजपुर, करावल नगर, शिव विहार, कर्दमपुरी, सीलमपुर, ब्रह्मपुरी, भजनपुरा आदि इलाकों में सोमवार से फैली हिंसा की जांच शुक्रवार को शुरू हुई। एसआईटी में शामिल एक सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी ने शनिवार को बताया कि एक टीम के कुछ पुलिस अफसर ताहिर हुसैन की भूमिका और आईबी के सुरक्षा सहायक अंकित शर्मा की मौत की जांच कर रही है। दूसरी टीम गोकुलपुरी सब-डिवीजन के एसीपी के रीडर हवलदार रतन लाल की मौत की जांच कर रही है। कुछ अन्य टीमें दूसरे इलाकों में फैले दंगे की जांच में जुटी हुई हैं। अपराध शाखा की टीम में शामिल एक सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी ने बताया कि ओल्ड मुस्तफाबाद में छतों पर सबसे ज्यादा गुलेलों की बरामदगी हुई। इन्हीं गुलेलों के जरिए 24 और 25 फरवरी को हुए दंगों में तबाही मचाई गई थी।
नए सुराग की तलाश
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दंगा का लेकर कई और वीडियो के सामने आने के बाद एफएसएल की टीम उनकी तो जांच कर ही रही है। साथ ही कुछ नए सुराग की भी तलाशने में जुटी है। विडियो फुटेज में दिखाई देने वाले कुछ लड़कों को बुलाकर उनसे भी पूछताछ कर कडिय़ों को जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। जांच के दायरे में वे शामिल हैं जो तोडफ़ोड़, आगजनी व मारपीट की घटना के दौरान वीडियो फुटेज में दिखाई दे रहे हैं।
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