(महत्वपूर्ण)(नईदिल्ली)राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक आज

0-मंदिर निर्माण की तिथि और ट्रस्ट के पदाधिकारियों की होगी घोषणा
0-नामित सदस्यों के रूप में महंत नृत्यगोपाल और चंपत राय के नाम पर लगभग सहमति
0-दो या चार अप्रैल को मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने की हो सकती है घोषणा
0-चंदा इक_ïा करने और अन्य सभी नियम कायदे भी होंगे तय
नई दिल्ली,18 फरवरी (आरएनएस)। राम मंदिर निर्माण के लिए गठित राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक बुधवार को शाम 5 बजे ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष परासरन के निवास पर होगी। पहली बैठक में ही ट्रस्ट मंदिर निर्माण की तिथि के साथ-साथ ट्रस्ट के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष की घोषणा करेगा। ट्रस्ट के दो नामित सदस्यों के रूप में महंत नृत्यगोपाल दास और विहिप उपाध्यक्ष चंपत राय का नाम करीब करीब तय है। पहली बैठक में मंदिर निर्माण के लिए धन राशि इकटï्ठा करने सहित ट्रस्ट के सभी नियम कायदे तय किए जाएंगे।
ट्रस्ट के एक सदस्य के मुताबिक मंदिर निर्माण के लिए 25 मार्च से 8 अप्रैल के बीच चार तिथियों पर चर्चा हो रही है। इनमें 25 को चैत्र नवरात्रि, 2 अप्रैल को राम नवमी, 4 अप्रैल को एकादशी और 8 अप्रैल को हनुमान जयंती है। ज्यादातर संत रामनवमी या 4 अप्रैल को एकादशी के दिन मंदिर निर्माण कार्य शुरू करने के पक्षधर हैं। उक्त सदस्य के मुताबिक राजनीतिक दृष्टिï से रामनवमी की तिथि मुफीद है, जबकि सबसे शुभ मुहुर्त 4 अप्रैल को एकादशी के दिन का है। वैसे भी ट्रस्ट की घोषणा और ट्रस्ट की पहली बैठक एकादशी को हो रही है। ऐसे में 4 अप्रैल को मंदिर निर्माण कार्य शुरू किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
नृत्यगोपाल-चंपत राय का नामित होना लगभग तय
ट्रस्ट में दो सदस्य नामित किए जाने हैं। इस पर ट्रस्ट के कई सदस्यों के बीच विचार विमर्श हुआ है। विमर्श में महंत नृत्यगोपाल और चंपत राय को ट्रस्ट में बतौर नामित सदस्य शामिल किए जाने पर करीब करीब सहमति है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। जबकि ट्रस्ट में ओबीसी को भागीदारी संबंधी सवाल को सिरे से ठुकरा दिया गया है।
देर रात बैठक में होगा पदाधिकारियों का फैसला
ट्रस्ट के सभी सदस्यों के अलावा महंत नृत्यगोपाल और चंपत राय मंगलवार को ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार देर रात सभी सदस्य अनौपचारिक संवाद के जरिए अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष पर सहमति बना लेंगे। ट्रस्ट के सदस्य चाहते हैं कि ट्रस्ट की बैठक में महज इसकी औपचारिक घोषणा की जाए। परासरन फिलहाल ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष हैं, मगर अयोध्या के संतों को साधे रखने के लिए अध्यक्ष का पद तय करते समय इसका ख्याल रखा जाएगा।
नियम-कायदे-मॉडल होंगे तय
पहली बैठक में ट्रस्ट के लिए धनराशि इकटïï्ठा करने के अलावा सभी नियम कायदे तय किए जाएंगे। इसी बैठक में राम मंदिर के मॉडल पर भी अंतिम फैसला हो सकता है। विहिप का पक्ष है कि राम मंदिर के लिए उसी का मॉडल स्वीकार किया जाए। जबकि एक पक्ष का कहना है कि मंदिर के मामले में भले ही दिव्यता और भव्यता से समझौता न हो, मगर इसे भूकंपरोधी बनाने के लिए भूगर्भशास्त्रियों की सलाह ली जाए। मिट्टïी की जांच कर यह तय किया जाए कि मंदिर की ऊंचाई, लंबाई और वजन कितनी रखी जाए। जिससे मंदिर निर्माण के बाद सैकड़ों सालों तक अस्तित्व में रहे। जबकि विहिप से जुड़े संतों का कहना है िक मॉडल तैयार करते समय दिवंगत अशोक सिंघल ने इस आशय का अध्ययन पहले ही करा लिया था।
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