उत्तेजना में आए बिना लोगों को उपद्रवियों से बचाना पुलिस का कर्तव्य:शाह
नईदिल्ली,16 फरवरी (आरएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली पुलिस स्थापना दिवस परेड समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस राज्य की की नहीं बल्कि पूरे देश की है। इस अवसर पर दिल्ली पुलिस को बधाई देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि जब हम दिल्ली और देश की सुरक्षा में दिल्ली पुलिस की भूमिका को देखते हैं तो ज्ञात होता है कि दिल्ली पुलिस न केवल भारत की बल्कि पूरे विश्व के महानगर पुलिस बलों की प्रमुख पंक्ति में अपना स्थान सुनिश्चित करती है, जो कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के लिए यह भी गौरव का विषय है कि उसकी स्थापना स्वयं लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने की, जिनकी भूमिका पूरे देश को अखंड बनाने में अद्वितीय है।
उन्होंने सरदार पटेल के वक्तव्य को याद करते हुए कहा कि पुलिस को सदैव यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी कारणवश उत्तेजना में आए बिना नागरिकों को उपद्रवियों से सुरक्षित रखना उनका परम कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि दिल्ली पुलिस ने सरदार पटेल की इस सीख को हमेशा चरितार्थ किया है। शाह ने कहा की स्थापना से आज तक देश की राजधानी में जितने राष्ट्रीय पर्व मनाए गए, विभिन्न राष्ट्रों के अध्यक्ष दिल्ली आए, दिल्ली पुलिस ने सदैव इन सभी कार्यक्रमों का संचालन बिना किसी चूक के सफलतापूर्वक सुनिश्चित किया है। यही कारण है कि राजधानी में चाहे कितना भी बड़ा समारोह या राष्ट्रीय पर्व का आयोजन हो, आज तक देश निश्चिंत होकर इसकी जि़म्मेदारी दिल्ली पुलिस के कंधों पर छोड़ता आया है, उन्होंने कहा।
पीएम मोदी की बात को दोहराते हुए उन्होंने कहा की हर नागरिक को यह ध्यान रखना चाहिए कि पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए है और केवल उसकी आलोचना करना या उपद्रवियों का उसे निशाना बनाना ठीक नहीं है, बल्कि उसके काम को समझना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पुलिस देश में शांति व सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का काम बिना किसी धर्म या जाति देखकर करती है और ज़रूरत के समय मदद भी करती है। पुलिस किसी की दुश्मन नहीं है, पुलिस शांति और व्यवस्था की दोस्त है, इसलिए सदैव उसका सम्मान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हर नागरिक पुलिस की आलोचना करने वालों और उन पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करने वालों को ध्यान से सुने, परंतु यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि भारत की आज़ादी के बाद 35000 से अधिक जवानों ने देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। शाह ने कहा कि जब आम नागरिक त्यौहार मनाता है, तब पुलिस त्यौहार मनाने की बजाय अपने कर्तव्य का निर्वहन करती है। इसीलिए देश के हर नागरिक के हृदय में पुलिस के लिए सम्मान अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इन 35000 जवानों की शहादत का सम्मान करते हुए दिल्ली के हृदय में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना की है, जो इन जवानों के परम बलिदान की गौरवपूर्ण गाथा को हमारे सामने रखता है। देश के नागरिकों से अपील करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि जब भी वे दिल्ली आयें तो इस स्मारक के दर्शन अवश्य करें, जोकि उनकी तरफ से जवानों के बलिदान को परम श्रद्धांजलि होगी।
दिल्ली पुलिस की उपलब्धियों का बखान करते हुए शाह ने कहा कि यह पुलिस बल अपने आप में विचित्र है जिस के कार्यक्षेत्र में संसद भवन और प्रधानमंत्री निवास की सुरक्षा से लेकर 3 राज्यों से लगी सीमा की निगरानी और दिल्ली के नागरिकों की सुरक्षा की जि़म्मेदारी है। आतंकवाद, महिलाओं की सुरक्षा, पूर्वोत्तर के नागरिकों की सुरक्षा, साइबर क्राइम से निपटने और डिप्लोमेटिक एरिया की सुरक्षा जैसी कई चुनौतियां होने के बाद भी दिल्ली पुलिस ने हर चुनौती का मुस्तैदी के साथ डट कर सामना किया है। चाहे स्मार्ट पोलिसिंग हो या केंद्र सरकार द्वारा महिला सुरक्षा के लिए 112 हेल्पलाइन का कार्यान्वयन हो, नागरिकों को साइबर अपराधों से बचाने के लिए नेशनल फॉरेंसिक लैब हो या इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर और साइबर क्राइम यूनिट की शुरुआत हो, दिल्ली पुलिस सदैव अपेक्षाओं पर खरी उतरी है। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस साइबर अपराधों से निपटने के लिए अन्य एजेंसियों के साथ तालमेल बैठाते हुए नोडल एजेंसी का काम सफलता से कर रही है।
शाह ने केंद्र सरकार द्वारा लिए जाने वाले अन्य कदमों का उल्लेख किया जिनसे दिल्ली पुलिस की क्षमता में वृद्धि की जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सेफ सिटि परियोजना के तहत, केंद्र सरकार ने राजधानी की सुरक्षा के लिए 857 करोड़ रुपये मंज़ूर किए हैं और सार्वजनिक स्थानों की निगरानी के लिए, अपराध मानचित्र के आधार पर, 165 पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में लगभग 10000 सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस को लगभग 9300 सीसीटीवी कैमरों की स्वीकृती प्रदान की है। उन्होंने बताया कि हिम्मत एप हो, ई मोटर व्हीकल एप हो या ऑनलाइन करैक्टर वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट, दिल्ली पुलिस के एसे डिजिटल प्रयोगों से उसका जन संपर्क कई गुना बढ़ा है और नागरिकों के लिए सुविधाएं बढ़ी हैं। इन कदमों से न केवल पुलिस और जनता के बीच की दूरी घटेगी बल्कि उनके बीच विश्वास में वृद्धि होगी, गृह मंत्री ने कहा।
दिल्ली पुलिस कर्मियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) के लिए तैयार 200 फ्लैटों के दिल्ली पुलिस कर्मियों को आवंटन के लिए 137 करोड रुपए की राशि प्रदान की है। इसके अलावा अतिरिक्त 582 फ्लैट खरीदने हेतु गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को 88 करोड रुपए की राशि प्रदान की है। दिल्ली पुलिस अपने कर्मियों के लिए 700 से अधिक आवासों का निर्माण कर रही है जिससे आने वाले समय में पुलिस कर्मियों के आवास संतुष्टि स्तर में वृद्धि होगी। 467 करोड़ रुपए की लागत से 501 एमआईजी फ्लैट खरीदने की प्रक्रिया को अनुमोदन मिला है। मेडिकल मामलों में अनुमोदन को गति प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ परामर्श से दिल्ली पुलिस आयुक्त को 25 लाख रुपए तक के अनुमोदन की शक्तियां प्रदान की गई हैं।
शाह ने कहा कि 1991 से लेकर आज तक 30 दिल्ली पुलिस के कर्मी शहीद हुए जिसमें संसद पर हमले से लेकर आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ की अनेक घटनाएं हैं। शाह ने विशेष रूप से संसद हमले में शहीद दिल्ली पुलिस के कीर्ति चक्र विजेता जवानों और बाटला हाउस आतंकवादी मुठभेड़ में शहीद निरीक्षक मोहन चंद शर्मा को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अपनी वाणी को विराम देते हुए गृह मंत्री ने परेड में उपस्थित सभी से प्रार्थना की कि प्रधानमंत्री मोदी के स्मार्ट पुलिसिंग के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर एक नागरिक को अपनी भूमिका और जि़म्मेदारी का सच्चे मन से निर्वहन करना होगा।
००