सुप्रीम कोर्ट से मिली कनिमोझी को राहत
नई दिल्ली, 30 जनवरी (आरएनएस)। उच्चतम न्यायालय ने 2019 में संपन्न लोकसभा चुनाव में द्रमुक नेता कनिमोझी करुणानिधि के, तमिलनाडु की थूथुकुड़ी संसदीय सीट से निर्वाचन को चुनौती देते हुए डाली गई याचिका पर मद्रास उच्च न्यायालय में सुनवाई पर गुरुवार को रोक लगा दी।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने द्रमुक नेता के वकील की तरफ से पेश किए गए तथ्यों पर विचार किया और मद्रास उच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी। कनिमोझी ने 2019 में थूथुकुड़ी क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और उनके निर्वाचन को एक मतदाता ए सनातन कुमार ने चुनौती दी थी। मतदाता ने कहा था कि कनिमोझी ने पारिवारिक संपत्ति का खुलासा करते हुए अपने चुनावी हलफनामे में अपने पति के पैन नंबर का जिक्र नहीं किया था। मद्रास उच्च न्यायालय ने पहले कनिमोझी की अपील खारिज कर दी थी जिसमें उन्होंने एक मतदाता और एक भाजपा नेता की, उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर रोक लगाने की मांग की थी। कनिमोझी की याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि चुनाव याचिकाकर्ता को अपने दावे के संबंध में सबूत पेश करने के लिए एक मौका जरूर दिया जाना चाहिए। वहीं द्रमुक नेता ने कहा कि उनके पति एनआरआई हैं जो सिंगापुर में रहते हैं। उनके पास न तो पैनकार्ड है और न ही भारत में वह आयकर जमा करते हैं। कनिमोझी ने चुनाव में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी, भाजपा नेता तमिलिसाई सुंदरराजन को हराया था। सुंदरराजन फिलहाल तेलंगाना की राज्यपाल हैं। वहीं एक अन्य याचिका कनिमोई के खिलाफ सुंदरराजन ने दायर की थी लेकिन उन्होंने तेलंगाना की राज्यपाल बनने के बाद अपनी याचिका वापस ले ली।
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