सीएए पर मुसलमानों में भ्रम फैला कर हिंसा करा रहा है विपक्ष:मोदी

नई दिल्ली,22 दिसंबर (आरएनएस)। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का देश के कई हिस्सों में हो रहे हिंसक विरोध के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। रामलीला मैदान में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस और विपक्ष पर खासतौर पर मुसलमानों में झूठ और भ्रम फैला कर हिंसा कराने और देश को दुनिया भर में बदनाम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीएए के 130 करोड़ नागरिकों से कोई लेना देना नहीं है। विपक्ष खासतौर पर जिस एनआरसी को ले कर अफवाह फैला रहा है, उस पर बीते साढ़े पांच साल में कोई चर्चा ही नहीं हुई है। पीएम ने कहा कि सीएए का मुसलमान या किसी भी धर्म से जुड़े देश के किसी नागरिक से नहीं बल्कि सिर्फ शरणार्थियों से लेना देना है।
बेहद आक्रामक अंदाज में पीएम ने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका टेप रिकार्ड मत सुनिये, सरकार का ट्रैक रिकार्ड देखिये। चाहे उज्जवला योजना हो गया गरीबों को मकान देने की योजना या दिल्ली में अनाधिकृतक कालोनियों को नियमित करने का कानून। सरकार ने हर मामले में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र के तहत काम किया है। इन योजनाओंं लाभ देते समय किसी लाभार्थी से उसकी जाति-धर्म के बारे में नहीं पूछा। पीएम ने कहा कि झूठ फैलाने वाले, अफवाह फैलाने वालोंंको पहचाने की जरूरत है। ये वे लोग हैं जिनकी राजनीति दशकों से वोट बैंक पर टिकी है और वे जिन्हें ऐसी राजनीति का दशकों तक लाभ मिला है।
मुसलमानों को डरा रही है कांग्रेस
पीएम ने कहा कि बीते दो दशक से मेरे खिलाफ साजिश कर रही कांग्रेस और अर्बन नक्सल अफवाहों और भ्रम के जरिये मुसलमानों को डरा रहे हैं। ये कह रहे है कि मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा। मुझे हैरानी है कि अच्छे अच्छे लोग पूछ रहे हैं कि डिटेंशन सेंटर क्या होता है। नापाक इरादोंं से देश को बांटने के लिए, देश को हिंसा की आग मेंं झोंकने के लिए बदइरादे वाली सरासर झूठ फैलाया जा रहा है। यह झूठ है, झूठ है, झूठ है। जो हिंदुस्तान की मिट्टïी के मुसलमान हैं, उनका सीएए और एनआरसी से कोई लेना देना नहीं है।
कौवे के पीछे मत भागिये अपना कान देखिये
पीएम ने एनआरसी पर भी विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसकी जैसी पार्टियों ने चीख चीख कर कहा कि देखो कौवा कान काट कर उड़ गया। कुछ लोग कौवे केपीछे भागने लगे। कौवे के पीछे भागने से पहले अपना कान तो देख लीजिये। अब तक एनआरसी पर कुछ हुआ है क्या। असम में अदालत के आदेश से हुआ। मेरी सरकार आने के बाद संसद, सरकार यहां तक कि मंत्रिमंडल तक में एनआरसी शब्द पर भी चर्चा नहीं हुई है।
मुझे गाली दो मगर देश को बख्श दो
पीएम ने हिंसात्मक विरोध पर भी बेहद कड़ी टिप्पणी की। विपक्ष पर लोगों की भावनाओंं को भड़काने का आरोप लगाया। कहा कि एक तबका मुझे पसंद नहीं करता। इन्हें दो दो चुनाव में मिली हार हजम नहंी हो रही। इनसे मेरा कहना है कि मैं पसंद नहीं हूं तो मोदी को गाली दो, पुतले बना कर उस पर जूते मारो, पुतला बना कर आग लगाओ, मगर देश की संपत्ति मत जलाओ, गरीब का रिक्श और गरीब की झोपड़ी मत जलाओ।
मेरी नहीं तो गांधीजी की तो मानो
पीएम ने कहा कि पर्दे के पीछे नकाब में छिप कर लोगों में भ्रम फैला रही कांग्रेस को इस मामले में गांधीजी की तो बात माननी चाहिए। उन्होंने कहा कि खुद महात्मा गांधी ने सात दशक पहले कहा था कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों का भारत में स्वागत करना चाहिए। असम का सीएम रहते तरुण गगोई ने, राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, राजस्था में पहले कार्यकाल के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र से लगातार ऐसा ही अनुरोध किया था। अब जब हमने इसे साकार किया तो इनके पेट में चूहे दौडऩे लगे। इनके विचार रातों रात बदल गए।
शरणार्थी और घुसपैठियों में अंतर समझिये
पीएम ने इस दौरान घुसपैठियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का साफ संदेश दिया। उन्होंने कहा कि धार्मिक उत्पीडऩ का शिकार हो कर मजबूरी में यहां शरण लेने वाले पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक आते ही इसकी सूचना सरकारी मशीनरी को देत हैं। ये छिपाते नहीं बल्कि बताते हैं कि वह उत्पीडऩ का शिकार हो कर लाचार हो कर यहां आए हैं। जबकि घुसपैठिये बताते नहीं। वह तो यह कहते हैं कि वे यहीं के हैं, यहीं पैदा हुए हैं।
सीएए-एनआरसी में अडग़ा नहीं डाल सकती राज्य सरकारें
पीएम ने इस दौरन सीएए और एनआरसी की विरोधी राज्य सरकारों की भी जम कर खबर ली। उन्होंने कहा कि कई मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वे अपने राज्य में इसे लागू नहीं करेंगे। ऐसा बोलने से पहले इन्हें अपने एडवोकेट जनरल से पूछ लेना चाहिए था। उन्हेंं इसमें अड़ंगा लगाने का अधिकार ही नहीं है। इन लोगों को घुसपैठियोंं और शरणार्थियों में फर्क समझना होगा।
सोनिया पर सीधा हमला
पीएम ने इस दौरान वीडियो संदेश के जरिये सरकार पर हमला बोलने वाली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश की सौ साल से भी अधिक पुरानी पार्टी की नेता उपदेश दे रही हैं। इनके उपदेश में शांति और अहिंसा के लिए एक भी शब्द नहीं था। इससे यह साफ होता है कि इस मामले में हुई हिंसा और निर्दोष लोगों की मौत पर इनकी मौन सहमति है। ये देश उन्हें देख रहा है। देश झूठ बोलने वालों को पहचान रहा है।
ममता पर हमला
पीएम ने कहा कि दीदी-ममता दीदी तो सीधे कोलकाता से यूएन पहुंच गई। दीदी सत्ता आती जाती रहती है, मगर आप इतना डर क्यों गईं? राज्य की जनता पर आपको भरोसा क्यों नहीं है? कभी शरणार्थी की मदद और घुसपैठ रोकने के लिए लोकसभा में स्पीकर पर कागज फेकने वाली दीदी रातों रात क्यों बदल गई?
मायावती पर हमला
पीएम ने कहा कि कुछ लोग इस कानून को गरीब और दलित विरोधी साबित करने में लग गए। ऐसे लोग भी भ्रम और अफवाहों केसहारे हिंसा कराने में जुट गए। सच्चाई यह है कि पाकिस्तान से उत्पीडऩ का शिकार हो कर यहां आने वाले ज्यादातर शरणार्थी दलित हैं। क्या इन्हें दलितों को नागरिकता दिए जाने पर एतराज है?
पाकिस्तान को घेरने का मौका गंवाया
पीएम ने कहा कि इस कानून के जरिये भारत पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीडऩे के सवाल पर उसे दुनिया में बेनकाब कर सकता था। मगर विपक्ष के फैलाए गए भ्रम से सारा कुछ उल्टा हो गया। हम चाहते तो दुनिया को पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की नारकीय स्थिति की जानकारी दे कर उसे घेर सकते थे। मगर विपक्ष के रवैये केकारण ऐसा नहींं हो पाया।
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