सीएए के विरोध के कारण रेलवे को 88 करोड़ का नुकसान
नई दिल्ली,21 दिसंबर (आरएनएस)। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर ट्रेनों को रोक रहे हैं, उनमें तोडफ़ोड़ कर रहे हैं जिसके कारण रेलवे को 88 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। रेलवे पुलिस ने हिंसा के दौरान 85 मुकदमे दर्ज कर कार्यवाही शुरू की है।
भारतीय रेलवे ने शनिवार को यहां देश में हो रहे हिंसा, प्रदर्शन के कारण रेलवे को जोन स्तर पर हुए नुकसान का ब्यौरा जारी किया है। रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने यहां नई दिल्ली में कहा कि नागरिकता कानून के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे बवाल व प्रदर्शन के दौरान रेलवे को हुए नुकसान का आकलन किया गया है, जिसमें 88 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान आंका गया है। इसमें सर्वाधिक 72 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान पूर्वी रेलवे जोन में हुआ है। जबकि दक्षिण पूर्व रेलवे जोन में 13 करोड़ और उत्तर-पूर्वी रेलवे जोन में तीन करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। आरपीएफ के डीजी के अनुसार सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में हो रहे बवाल के कारण पूर्वी रेलवे की संपत्ति के नुकसान से 72 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा हावड़ा, सियालदाह और माल्दा में रेलवे संपत्ति को ज्यादा नष्ट किया गया। गौरतलब है कि इन जगहों पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नागरिकता कानून के खिलाफ रैली हुई जिसके बाद उपद्रवियों ने हिंसा का तांडव कर रेलवे की संपत्ति को निशाना बनाते हुए नुकसान पहुंचाया। रेलवे ने हिंसक घटनाओं को लेकर 85 एफआईआर दर्ज की हैं। जिसमें उसके एक दर्जन कर्मचारी घायल हो गए थे। कुमार ने कहा कि ऐसे लोग हैं जिनकी पहचान हिंसा के वीडियो के जरिए हुई है और हमने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में 2200 अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।
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