महिलाओं और बच्चों के पोषण-स्वास्थ्य में सुधार के लिए सरकारी संयुक्त पहल शुरु
नईदिल्ली,17 दिसंबर (आरएनएस)। नयी दिल्ली में सोमवार को आयोजित बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तथा कपड़ा और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने महिलाओं और बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य में सुधार के लिए तय वैश्विक लक्ष्यों के अनुरूप देश में सहयोग के क्षेत्रों को चिन्हित करने की पहल की।
बैठक के बारे में बताते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, हम सबके लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी नीतियां और कार्यक्रम यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि हर माँ, हर बच्चे और हर किशोर का अस्तित्व बना रहे और वे फले फूलें । उन्होंने कहा कि कुपोषण और समाज के अन्य निर्धारक तत्व मातृ-शिशु अस्तित्व और विकास के साथ गहरे जुड़े हुए हैं और चूंकि ये मुद्दे महिला एंव बाल विकास मंत्रालय के लिए भी चिंता का विषय हैं, इसलिए यह विषय दोनों मंत्रालयों के लिए सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दोनों मंत्रालय इस बात पर सहमत हुए हैं कि समान लक्ष्यों वाली योजनाओं के लिए दोनों मिलकर स्थानीय भाषाओं में मानक आईसी सामग्री तथा संयुक्त अभियानों को विकसित करेंगे। इसका उद्देश्य लाभार्थियों को योजनाओं की जानकारी देना तथा उन्हें यह बताना है कि वह इनका लाभ कैसे और कहां से ले सकते हैं।
बैठक में स्वास्थ्य क्षेत्र की अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले कार्यकर्ताओं तथा महिला एंव बाल विकास मंत्रालय की आंगनवाड़ी कर्मियों के माध्यम से योजनाओं के प्रसार एवं प्रचार के लिए सामान्य चैनलों के उपयोग पर भी चर्चा की गई क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ये लोग समुदायों से गहरे जुड़े रहते हैं। डा. हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि किशोर स्वास्थ्य एक और ऐसा क्षेत्र है जो पोषण और स्वास्थ्य सुधार के क्षेत्रों में सहयोग से मासिक धर्म, स्वच्छता, शराब और मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्प्रभावों , लैंगिक हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अभिसरित गतिविधियों से अत्यधिक लाभ उठाएगा और कम उम्र में जल्दी विवाह के चलन तथा कुपोषण और रक्त अल्पता जैसे मामलों में कमी लाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सहयोग के इस प्रयास में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वाज्ञस्थ्य कर्मियों के कौशल को निखारा जा सकेगा। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यकम के प्रमुख प्रशिक्षक महिला एंव बाल विकास मंत्रालय के किशोर न्याय अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के बारे में जागरुकता पैदा करने में मदद कर सकते हैं।
इसके अलावा, सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने,जमीनी स्तर पर सामान्य गतिविधियों को कैस लिया जाए, मानक संचार पैकेज विकसित करने,दोनों मंत्रालयों द्वारा हासिल किए जाने वाले बेंचमार्क को परिभाषित करने तथा अनुसंधान के क्षेत्रों को चिन्हित करने के लिए एक एक संयुक्त कार्य समूह के गठन पर भी चर्चा की गई । इसके साथ ही इस अभियान में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत आने वाले फार्मास्यूटिकल्स विभाग के साथ साझेदारी पर भी विचार किया गया।
श्रीमती स्मृति इरानी ने कहा कि उनका मंत्रालय विज्ञान,प्रौद्योगिकी,इंजीनियरिंग और गणित जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों के सम्मान स्वरूप देश के दस प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों में अध्ययन पीठ स्थापित करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ सहयोग करेगा। चिकित्सा अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में भी महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए महिला एंव बाल विकास मंत्रालय की ओर से ऐसे ही सहयोग की पेशकश पर चर्चा की गई।
बैठक में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव प्रीति सूदन, महिला एंव बाल विकास मंत्रालय में सचिव रविन्द्र पंवार तथा डीबीटी की सचिव डाक्टर रेनू स्वरूप सहित दोनों मंत्रालयों के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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