राहुल के खिलाफ मानहानि का केस करेंगे सावरकर के पोते
नई दिल्ली,15 दिसंबर (आरएनएस)। विनायक दामोदर सावरकर पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणी तूल पकड़ती जा रही है। इस मामले में सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने राहुल को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि वे सोमवार को उनके खिलाफ हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज करेंगे। वहीं इस मामले में महाराष्ट्र सरकार पर पडने वाले असर को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजित पवार ने कहा है कि उद्धव ठाकरे, सोनिया गांधी और शरद पवार परिपक्व लोग हैं और वे सही निर्णय ही लेंगे।
राहुल गांधी के सावरकर को लेकर दिये गये बयान पर रंजीत सावरकर ने महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार को सलाह दी है कि राहुल के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने मंत्रिमंडल से कांग्रेस के मंत्रियों को बर्खास्त करें और अल्पमत की सरकार चलाएं, क्योंकि भाजपा उनकी सरकार के खिलाफ वोट नहीं करेगी। महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सरकार है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी शिवसेना पर हमला बोला है। फडणवीस ने कहा है कि महाराष्ट्र और देश सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता। शिवसेना सत्ता में रहने के लिए कैसे-कैसे लोगों के साथ समझौते कर रही है ये साफ नजर आ रहा है। पहले शिवसेना सावरकर से जुड़े मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया देती थी और उनका बचाव करती थी, लेकिन अब वह नरम क्यों हो गई है।
कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर: मायावती
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर से कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला है। मायावती ने वीर सावरकर के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा। उन्होंने रविवार को एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। मायावती ने लिखा कि शिवसेना अपने मूल एजेंडे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केंद्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है। किंतु फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है? अतरू इनको, इस मामले में अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट करनी चाहिए। वरना यह सब इनकी अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बंटाने के लिए केवल कोरी नाटकबाजी ही मानी जाएगी। उल्लेखनीय है कि शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में भारत बचाओ रैली के दौरान सावरकर को कठघरे में खड़ा कर दिया था। इसके बाद शिवसेना ने उनकी आलोचना की थी। दोनों पार्टियां महाराष्ट्र में पिछले दिनों बनाई गई गठबंधन सरकार का हिस्सा हैं।
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