राज्यसभा में हुई हाथ से मैला ढोने की प्रथा पर रोक लगाने की मांग
नई दिल्ली,10 दिसंबर (आरएनएस)। हाथ से मैला ढोने पर रोक के बावजूद देश में इसके जारी रहने पर चिंता जाहिर करते हुए राज्यसभा में मंगलवार को एक मनोनीत सदस्य एवं वरिष्ठ अधिवक्ता के टी एस तुलसी ने कहा कि इस कार्य से जुड़े लोगों की सुरक्षा के लिए समुचित उपाय किए जाने के साथ साथ इस प्रथा पर पूरी तरह रोक सुनिश्चित की जानी चाहिए।शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए तुलसी ने कहा कि हाथ से मैला ढोने पर रोक लगाई गई है। इसके बावजूद रोजगार के समुचित अवसरों के अभाव में करीब 54,000 लोग हाथ से मैला ढोने के लिए मजबूर हैं।उन्होंने कहा कि ठेकेदारों की ओर से इन लोगों को न तो सुरक्षा के कोई उपकरण दिए जाते हैं और न ही इनके स्वास्थ्य को लेकर कोई सुरक्षा व्यवस्था की जाती है।तुलसी ने कहा कि गंदगी के संपर्क में आ कर इन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तो होती ही हैं, कई बार मौत भी हो जाती है। बीते तीन साल में इन हालात में जान गंवाने वाले ऐसे लोगों की मौत का आंकड़ा 50 से अधिक है।मनोनीत सदस्य ने कहा कि हाथ से मैला ढोने पर रोक लगाने वाले कानून में सुरक्षात्मक व्यवस्था को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है और निजी ठेकेदार इसी अस्पष्टता का लाभ उठाते हैं।तुलसी ने सरकार से मांग की कि इस कार्य से जुड़े लोगों की सुरक्षा के लिए समुचित उपाय किए जाने के साथ साथ इस प्रथा पर पूरी तरह रोक सुनिश्चित की जानी चाहिए।
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