नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर गंभीर सरकार

नई दिल्ली,30 नवंबर (आरएनएस)। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्र सरकार अगले हफ्ते नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) दोनों सदनों में पेश करने वाली है। इस विधेयक के पारित होने के बाद मुस्लिम बहुल अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के सभी धार्मिक अल्पसंख्यक यानी हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई भारतीय नागरिकता के योग्य हो जाएंगे।
इसे लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर के राज्यों के सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। जिसमें शामिल होने के बाद अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता नबाम तुकी ने कहा कि हम नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करते हैं क्योंकि यदि अवैध प्रवासियों को धर्म के आधार पर नागरिकता दी जाती है, तो आबादी कई राज्यों में फैल जाएगी। कौन सा राज्य उन्हें जमीन देगा?
संसद में अगले हफ्ते पेश हो सकता है विधेयक
संसद में सरकार अगले हफ्ते से नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को पेश करने वाली है। इस विधेयक के तहत मुस्लिम बहुल अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के सभी धार्मिक अल्पसंख्यक यानी हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई भारतीय नागरिकता के योग्य हो जाएंगे। इसी सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और सामाजिक और सांस्कृतिक निकायों, छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ शुक्रवार से बैठक कर रहे हैं। जिससे कि नागरिकता अधिनियम में संशोधन की योजना पर बातचीत की जा सके। यह जानकारी गृह मंत्रालाय के एक अधिकारी ने दी है। दरअसल कैब विधेयक के जरिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया जाना है ताकि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यक यानी हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाईयों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जा सके। इसका वादा भाजपा ने 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान किया था।
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