राज्यसभा में पारित हुआ जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक विधेयक

नई दिल्ली,19 नवंबर (आरएनएस)। संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा ने चर्चा के बाद जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक को पारित कर दिया, जो लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है।
राज्यसभा की मंगलवार को शुरू हुई कार्यवाही जेएनयू और जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को लेकर बाधित हुई कार्यवाही के बाद दोपहर बाद दो बजे फिर से शुरू हुई कार्यवाही के दौरान पहले भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (संशोधन) विधेयक-1987 को सर्वसम्मिति से वापस लिया गया और उसके बाद सदन में लंबित जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया गया। इस विधेयक में किये गये संशोधन के प्रावधानों के अनुसार जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक के न्यासी (ट्रस्टी) के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष को हटाए जाने की बात कही गई थी, जिसे राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है। विधेयक पारित होने के बाद न्यासी के रूप में अब कांग्रेस के अध्यक्ष को हटाकर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष को न्यासी बनाया जाएगा। गौरतलब है कि यह विधेयक लोकसभा में पिछले सत्र के दौरान पारित कर दिया गया था। संशोधन विधेयक के मसौदा कानून में ऐसा प्रावधान था कि अगर विपक्ष का कोई नेता नहीं है तो ऐसे में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता को ट्रस्टी बनाया जाएगा। गत 12 अप्रैल 1919 में अमृतसर में निहत्थे लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस नरसंहार के इस वर्ष 100 साल पूरे होने के बाद यह कदम उठाया गया था। विधेयक के प्रावधान के अनुसार वर्तमान में न्यास के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष, केंद्रीय संस्कृति मंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री और राज्यपाल इसमें बतौर न्यासी शामिल हैं।
राज्यसभा में पेश हुआ सरोगेसी (विनियमन) विधेयक
उच्च सदन में जलियांवाला बाग स्मारक संबन्धी विधेयक के बाद लोकसभा से पारित होने के बाद से राज्यसभा में लंबित पड़े सरोगेसी (विनियमन) विधेयक को चर्चा के लिए पेश किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्ष वर्धन के प्रस्ताव पर इस विधेयक पर सदन में चर्चा शुरू हो चुकी है, जो जारी थी। इस विधेयक में सरोगेसी व्यवहार ओर प्रक्रिया के लिए राष्ट्रीय सरोगेसी बोर्ड और राज्य सरोगेसी बोर्डो का गठन करने के साथ समुचित प्राधिकारियों की नियुक्ति से संबन्धित प्रावधान किये गये हैं।
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