परिवार और व्यापार साथ चलाते है सोनिया-राहुल : रविशंकर
नयी दिल्ली,16 नवंबर(आरएनएस)। इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के निर्णय आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर एक और हमला करने का मौका भारतीय जनता पार्टी को मिल गया। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल द्वारा यंग इंडियन लिमिटेड को गैर-लाभकारी संस्था बताने के गांधी परिवार के दावे को खारिज किये जाने पर सोनिया गाँधी व राहल गाँधी पर जम कर हमला बोला। प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के सत्ता से जाने के लगभग साढ़े पांच वर्षों बाद हमें यह लगा था कि अब कांग्रेस के एक परिवार के घोटालों की दास्ताँ बाहर आने कम हो जायेंगे लेकिन ये है कि रुकता ही नहीं। इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल का फैसला कांग्रेस के पारिवारिक घोटाले का एक और उदाहरण है कि परिवार और कारोबार साथ-साथ चलता है और इसे ऊपर से राजनीति का कलेवर दे दिया जाता है। ट्रिब्यूनल के फैसले से इसकी आधिकारिक और वैधानिक पुष्टि हुई है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरूआत की थी,जिसे एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता था। 2008 में 90 करोड़ रुपये के कर्ज के साथ अखबार को बंद कर दिया गया। एजेएल को बचाने के प्रयास में कांग्रेस पार्टी ने कंपनी को 2010 तक कुछ वर्षों के लिए बगैर किसी जमानत के ऋणमुक्त ब्याज दिया। 23 नवंबर, 2010 को यंग इंडियन लिमिटेड नामक एक नई कंपनी ने एजेएल का अधिग्रहण कर लिया। इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहल गांधी सहित मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फनार्डीस और हुआ तो हुआ वाले सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया। दिसंबर 2010 में यंग इंडियन लिमिटेड के नाम 90 करोड़ रुपये कर्ज के स्थानांतरण के एवज में एजेएल ने अपने सारे शेयर वाईआईएल को देने का फैसला किया। यंग इंडियन ने इस अधिग्रहण के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया। कर्ज में डूबी एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड के पास अनुमानत: 2000 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि की परिसंपत्तियां थी। एजेएल से डील के बाद यंग इंडिया केवल 50 लाख रुपये में ही 2000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य वाली संपत्तियों की मालिक बन गई और इसका कंट्रोल कांग्रेस के गाँधी परिवार के पास आ गया। दस्तावेजों के अनुसार, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी की इस कंपनी में 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि बाकी 24 प्रतिशत में वोरा और फनार्डीस की बराबर-बराबर हिस्सेदारी है। रवि प्रसाद ने कहा कि यंग इंडियन ने कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान इनकम टैक्स में अपील की थी कि हम देश के नौजवानों को लोकतांत्रिक और धर्म निरपेक्ष मूल्यों में ट्रेंड करना चाहते हैं और हम चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन हैं, इसलिए हमें इनकम टैक्स से छूट दी जाय। हालांकि जब इस तरह की अपील की जाती है तो विस्तार से यह बताया जाता है कि कंपनी क्या करती है, किस तरह से कार्य करती है। इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल ने जांच के बाद अपने आदेश में कहा कि यंग इंडिया वाणिज्यिक संगठन है। ट्रिब्यूनल ने कहा है कि ट्रस्ट की ओर से ऐसा कोई काम नहीं किया गया जो इस चैरिटेबल की श्रेणी में आता हो, क्योंकि एजेएल को अधिग्रहित करने का मकसद पूरा नहीं किया गया। वरिष्ठ भाजपा नेता ने इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के फैसले के पेज संख्या 123, पैरा100 का उल्लेख करते हुए कहा कि इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल ने अपने निर्णय में यह स्पष्ट कहा है: ट्रिब्यूनल ने निर्णय में लिखा है – यह स्पष्ट है कि यंग इंडिया जो एक चैरिटेबल संस्था के रूप में पंजीकरण की मांग कर रही है, उसने पूरी तरह से और सही मायने में शुद्ध अंत:करण और ईमानदारी से तथ्यों का खुलासा नहीं किया है। इतना ही नहीं ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा कि यंग इंडियन द्वारा पंजीकरण के समय तथ्यों को न केवल गलत तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया बल्कि तथ्यों को दबाया भी। अत: यंग इंडियन द्वारा स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन किया गया। ट्रिब्यूनल से पहले इनकम टैक्स अथॉरिटी और कमिश्नर इनकम टैक्स ने भी कांग्रेस की अपील को खारिज कर दिया था। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले के पेज संख्या 155, पैरा 65 में स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी स्वीकार्य नहीं है। स्पष्ट है कि अंदरखाने से तथ्यों को छुपाकर संपत्तियों को हड़पने का कांग्रेस पार्टी का यह एक उपक्रम है। इस फैसले का मतलब यह है कि कांग्रेस के एक परिवार के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का आयकर केस फिर से खुलेगा। कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए प्रसाद ने कहा कि केवल 50 लाख रुपये में 2,000 करोड़ रुपये से भी अधिक की संपत्ति पर कब्जा जमा लेना बिजनेस का कौन सा मॉडल है, यह देश की जनता जानना चाहती है।
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