22 करोड़ के फर्जी जीएसटी चालान जारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

नईदिल्ली,15 नवंबर (आरएनएस)। सेन्ट्रल जीएसटी दिल्ली नॉर्थ की कमिशनरी ने वस्तुओं और सेवाओं की वास्तविक आपूर्ति के बिना फर्जी चालान जारी करने के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में नवीन मुटरेजा और केशवराम को गिरफ्तार किया गया है और पटियाला हाऊस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपी 42 फर्जी कंपनियां चला रहे थे, जो धोखाधड़ी से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को आगे बढ़ाने का काम करती थी, जिसके कारण सरकारी खजाने को धोखे से लूटा जा रहा था। प्रथम दृष्ट्या धोखाधड़ी से करीब 22 करोड़ रुपये के चालान काटे गये, जिसमें 150 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी।
दोनों आरोपी अन्य बातों के अलावा दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की फर्जी कंपनियों के जीएसटी पंजीकरण प्राप्त कर लेते थे और इसके लिए असंदिग्ध व्यक्तियों के दस्तावेजों का इस्तेमाल करते थे तथा करोल बाग, दिल्ली में एक परिसर से इन कंपनियों के वस्तु रहित चालान और ई-वे बिल तैयार करते थे। प्रारंभिक जांच के बाद पता चला कि अनियमित कंपनियों की आतंरिक और बाहरी आपूर्तियों के बीच कोई संबंध नहीं था। इन कंपनियों ने अनेक खरीदारों को धोखे से आईटीसी दे दिया था, जिन्होंने बाहरी आपूर्ति के लिए अपनी जीएसटी देनदारी पूरा करने के लिए इसका लाभ उठाया।
अत: दोनों आरोपियों ने सीजीएसटी कानून, 2017 के धारा 132(1) (बी) और (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत अपराध किया, जो धारा 132(5) के अंतर्गत संज्ञेय और गैर-जमानती है तथा इस कानून की धारा 132 (1) (आई) के तहत दंडनीय है। इसके अनुसार नवीन मुटरेजा और केशवराम को 14 नवम्बर, 2019 को गिरफ्तार किया गया और 15 नवम्बर, 2019 को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस गिरोह के प्रमुख लाभान्वितों की पहचान करने और जीएसटी की वसूली के लिए जांच चल रही है।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »