जीएसटी के 136 करोड़ से ज्याादा रकम के फर्जी बिल जारी करने के रैकेट का भंडाफोड़

नईदिल्ली,24 अक्टूबर (आरएनएस)। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई), की गुरुग्राम इकाई ने मैसर्स आरएसटी बैटरीज, मुंडका दिल्ली में साझेदार और मैसर्स आरएसटी बैटरीज प्राइवेट लिमिटेड, बहादुरगढ़, हरियाणा के निदेशक राजीव गुप्ता को 136 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम के जाली जीएसटी बिल जारी करने का रैकेट चलाने और सरकार के साथ 20 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि की धोखाधड़ी करने के आरोप में 23 अक्टूबर, 2019 को गिरफ्तार किया। इस धोखाधड़ी को 52 से ज्यादा फर्जी कंपनियों का जाल बिछाकर अंजाम दिया गया। इन कंपनियों का इस्तेमाल विभिन्न डीलरों और विनिर्माताओं को फर्जी बिल जारी करने के लिए किया गया। इस प्रकार सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व की हानि हुई।
राजीव गुप्ता 12 जुलाई, 2019 से फरार थे। डीजीजीआई द्वारा उन्हें पकडऩे के लिए की गई कई कोशिशों के बाद आखिरकार उनको दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। अपराध की संगीनता को देखते हुए उसे जीएसटी कानून के अंतर्गत संज्ञेय और गैर-जमानती माना गया।
राजीव गुप्ता को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिट्रेट, गुरुग्राम के समक्ष पेश किया गया जिन्होंने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
डीजीजीआई, की गुरुग्राम इकाई इसी से मिलते-जुलते मामलों में अब तक 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम के फर्जी बिलों का भंडाफोड़ करके 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस धांधली से राजकोष के साथ 280 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम की धोखाधड़ी की गई थी। उपरोक्त मामले में जांच जारी है और यह आंकड़ा बढ़ सकता है।
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