2024 तक देश के सभी नागरिकों को पाइप लाइन के जरिये मिलेगा पानी:पासवान

नईदिल्ली,03 अक्टूबर (आरएनएस)। केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की तर्ज पर स्वच्छ पानी अभियान या स्वच्छ जल मिशन शुरू करने का आह्वान किया है। पासवान ने जोर देकर कहा कि यह उपभोक्ता अधिकारों का नहीं बल्कि लोगों के जीवन से जुड़ा मुद्दा है इसलिए इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए। पासवान ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता थी कि सभी परिवारों को 2024 तक पाइप लाइन के जरिये पीने का पानी प्रदान किया जाए और इस कल्पना और मिशन को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने इस अभियान की दिल्ली से शुरूआत की और इसे देश भर में ले गए।
पासवान भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी), जल शक्ति और उपभोक्ता कार्य विभाग तथा एफएसएसएआई के अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में चर्चा की गई कि पेयजल के बारे में बीआईएस द्वारा निर्धारित मानकों को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए जो इस समय स्वैच्छिक हैं।
बीआईएस ने बैठक के दौरान बताया कि उसने दिल्ली क्षेत्र में 11 स्थानों से नमूने एकत्र किए हैं और उनका 42 पैरामीटरों जैसे पीएच स्तर, महक, धातु की मात्रा, संपूर्ण घुलनशील ठोस पदार्थ संबंधी परीक्षण किया गया है और सभी नमूने विविध पैरामीटरों पर बीआईएस मानक पूरा करने में विफल रहे हैं। पासवान ने कहा कि यह दिल्ली जल बोर्ड की जिम्मेदारी है कि वह दिल्ली के सभी निवासियों को पीने का स्वच्छ पानी प्रदान करे। लोगों को इसके कारण अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पासवान ने बीआईएस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राज्य की राजधानियों से नमूने एकत्र करें और नवंबर 2019 तक इनके परिणामों का संकलन करें। दिल्ली सहित राज्य की राजधानियों से नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बीआईएस पानी के सभी नमूनों का परीक्षण करेगा जिनके लिए टीमें तैनात की गई हैं।
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए पासवान ने कहा कि बीआईएस से कहा गया है कि वह मानकों को अनिवार्य बनाने के संबंध में दिल्ली सहित सभी राज्यों और विभिन्न मंत्रालयों के संबद्ध अधिकारियों के बीच आम सहमति बनाने के लिए उन्हें पत्र लिखे। यह एक महत्वपूर्ण मामला है जिससे सभी नागरिकों खासतौर से बच्चों का जीवन जुड़ा हुआ है जो सबसे अधिक संवेदनशील है।
पासवान ने मीडिया से कहा कि वह मंत्रालय की इस पहल को देखते हुए एक जनआंदोलन बनाए। उन्होंने बेसिक टेस्टिंग किट तैयार करने के लिए अनुसंधान करने को कहा जिसका आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है और इससे लोगों को यह पता लगाने में आसानी होगी कि पानी पीने के योग्य है या नहीं।
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