15वें वित्त आयोग ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ की बैठक
नई दिल्ली ,14 सितंबर (आरएनएस)। एन. के. सिंह की अध्यक्षता में 15वें वित्त आयोग ने आयोग के सदस्यों एवं वरिष्ठ अधिकारियों सहित केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मती स्मृति जुबेन ईरानी एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की उनकी टीम के साथ एक बैठक का आयोजन किया।
मंत्रालय ने अपनी जिन महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाने का प्रस्ताव रखा उनमें आंगनवाड़ी सेवा, पोषण, महिला कल्याण, महिला सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण आदि शामिल हैं। बैठक में उन प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गई।
आयोग के विचार के लिए रखी गईं प्रमुख सिफारिशें इस प्रकार हैं
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 15वें वित्त आयोग से अनुरोध किया कि वह अपने राजकोषीय हस्तांतरण फॉर्मूले में लैंगिक आधार पर बजट को शामिल करे।
मंत्रालय ने अनुरोध किया कि आयोग के वर्टिकल डिवोल्यूशन के तहत रकम आवंटन में लैंगिक चिंताओं वाली योजनाओं/ कार्यक्रमों को न्यूनतम 25 प्रतिशत से 40 प्रतिशत अनिवार्य आवंटन के साथ प्राथमिकता दी जाए।
आयोग से आग्रह किया गया कि होरिजेन्टल डिवोल्यूशन में लैंगिक मानदंड (शिशु लिंगानुपात एवं महिला श्रम बल भागीदारी) को राज्यों के बीच धन आवंटन के लिए एक मानदंड के रूप में शामिल किया जाए।
आयोग को बुनियादी एवं प्रदर्शन आधारित अनुदान प्रदान करने के लिए भी कहा गया है। इसके तहत लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय निकायों की वर्तमान गतिविधियों में कुछ अतिरिक्त गतिविधियां भी शामिल की जा सकती हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इन मुद्दों को भी सामने रखा:
प्रदर्शन को प्रोत्साहन: महिला शिक्षा/ स्वास्थ्य परिणामों/ एलएफपीआर / पोषण परिणामों में बेहतर प्रदर्शन वाले राज्यों को प्रोत्साहन अनुदान देने पर विचार किया जा सकता है।
राजकोषीय संतुलन: सामाजिक क्षेत्र में खर्च को मानक स्तर तक पहुंचाने के लिए राज्यों को विशेष आवंटन देने का अनुरोध।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए आवंटन को केंद्रीय बजट के 1त्न से बढ़ाकर 1.5त्न करने का आग्रह।
अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं के आधार पर सीडीआई/ जीडीआई का विकास।
कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी के लिए संकेतक में सुधार।
स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए आवंटन में वृद्धि।
स्थानीय निकायों द्वारा महिला केंद्रित विकास कार्यों के लिए कुछ प्रतिशत धनराशि को आरक्षित रखना।
निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों में क्षमता निर्माण के लिए धन में वृद्धि।
महिला एवं जल: जल शक्ति अभियान/ जल संसाधनों का संवर्धन।
वार्षिक माप के साथ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए एकल डेटा स्रोत के लिए एक ढ़ाचा तैयार करना।
आयोग ने मंत्रालय द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर गौर किया और आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार के लिए अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय वह इन सब बातों को ध्यान में रखेगा।
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