समीक्षा का आधार नहीं हो सकती मीडिया की खबरें

नई दिल्ली, 05 मई (आरएनएस)। केन्द्र सरकार ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे के  संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि मीडिया में आई खबरें फैसले की समीक्षा का आधार नहीं हो सकती। क्योंकि यह कानून है। इसलिए मीडिया में आई खबरों के आधार पर फैसला नहीं कर सकती। आर.एन.एस.के अनुसार राफेल विमान सौदा मामले में केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पिछले साल 14 दिसम्बर के फैसले में दर्ज स्पष्ट और जोरदार निष्कर्षों में कोई स्पष्ट गलती नहीं है जिससे उस पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। याचिकाकर्ताओं के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की आड़ में तथा उससे संबंधित मीडिया में आई खबरों और अनधिकृत-अवैध तरीके से हासिल कुछ अधूरी फाइल नोटिंग्स पर भरोसा कर पूरे मामले को दोबारा नहीं खोला जा सकता, क्योंकि पुनर्विचार याचिका का दायरा बेहद सीमित है। केन्द्र सरकार का जवाब पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी तथा एडवोकेट प्रशांत भूषण की याचिका पर आया है, जिसमें वे 14 दिसम्बर 2018 के फैसले पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे में कथित अनियमितताओं की जांच करने की मांग खारिज कर दी थी। उल्लेखनीय है कि पुनर्विचार याचिकाओं पर देश के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अगले सप्ताह सुनवाई करेंगे। दूसरी ओर केन्द्र सरकार ने अपने शपथपत्र में कहा है कि पुनर्विचार याचिका बेमेल जांच का आदेश दिलाने की कोशिश है, जिसे कोर्ट ने मनाकर दिया था। सुप्रीम कोर्ट राफेल लड़ाकू विमान सौदे के सभी तीन पहलुओं निर्णय की प्रक्रिया, कीमत और भारतीय आफसेट पार्टनर का चयन पर किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

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