जहाजरानी महाननिदेशालय के पूरे हुए 70 साल

मुंबई,02 सितंबर (आरएनएस)। जहाजरानी महानिदेशालय अपनी स्थापना के 70 साल पूरे होने पर 3 सितंबर को उत्सव मनाएगा। मंगलवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम का उद्घाटन जहाजरानी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया करेंगे। यह विशेष कार्यक्रम जहाजरानी महानिदेशालय की अब तक की यात्रा और 1949 में इसकी स्थापना से अबतक के इसके योगदान पर चर्चा को समर्पित होगा। इस कार्यक्रम में सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त जहाजरानी को बढ़ावा देने के लिए भावी कार्यक्रम की रूपरेखा भी तैयार की जायेगी।
जहाजरानी उद्योग के कामकाज को आसान करने की दिशा में महानिदेशालय ने कई कदम उठाए हैं। इसके तहत पुराने कानूनों में सुधार, तटीय जहाजरानी के आसान तरीके, गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, नाविकों की बहाली और ई-गवर्नेंस मॉड्यूल को पूरी तरह बदलना शामिल हैं। हाल ही में उठाए गए कदमों का नाविकों की बहाली पर बड़ा असर पड़ा जिससे उनकी संख्या बढ़कर 2,08,000 तक पहुंच गई है। पिछले चार साल में देश में जहाजों का पंजीकरण करीब 200 तक पहुंच गया है। तटीय ट्रैफिक में भी तेजी आने की उम्मीद है। यह सारी पहल सरकार की ‘सागरमाला परियोजनाÓ का एक हिस्सा है।
मुंबई में कल होने वाले कार्यक्रम में देश के पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र से समुद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले चार प्रशिक्षु कैडेटों का दल मार्च पास्ट करेगा। इसमें पांचवां दल विशेष तौर पर महिलाओं का होगा। जहाजरानी महानिदेशालय, तट रक्षक और भारतीय नौसेना के बीच नजदीकी संबध को दर्शाने के लिए इस कार्यक्रम में नौसेना और तट रक्षक का भी एक-एक दल होगा। इस कार्यक्रम में एक सम्मेलन और समूह चर्चा भी होगी। इस कार्यक्रम में जहाजरानी उद्योग से जुड़े लोग और नाविकों का समुदाय भी शामिल होगा
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