सीसीआई को भारतीय उद्यमों की विदेशी कंपनियों द्वारा दुरूपयोग से रक्षा करनी होगी

नईदिल्ली,23 अगस्त (आरएनएस)। केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को नई दिल्ली में कहा कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारतीय उद्यमों की अन्य क्षेत्राधिकारों से संचालित कंपनियों द्वारा दुरूपयोग से रक्षा हो। सीतारमण सीसीआई के 10वीं वर्षगांठ समारोह को संबोधित कर रही थीं।
सीतारमण ने कहा कि सीसीआई को विश्व भर के बाजारों के घटनाक्रमों पर बेहद बारीकी से नजर रखनी चाहिए, क्योंकि किसी भी देश में सीमाएं प्रतिस्पर्धा का निर्धारण नहीं करती। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा नीति कंपनियों के संचालन की प्रकृति के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी चुनौती है। बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों का क्षेत्राधिकार एक देश में होता है और जमीनी कार्य अन्य स्थान पर होता है और इसके कारण नियामकों के लिए बड़ी चुनौतियां खड़ी हो जाती है।
उन्होंने भारत जैसी एक खुली अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा में नियंत्रण और बाधा डाले बिना सीसीआई द्वारा शानदार कार्य करने के लिए उसकी सराहना की। उन्होंने अब तक सीसीआई द्वारा विश्वसनीय तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए उसकी सराहना की और कहा कि उसे सीसीआई 2.0 मोड के लिए तैयार रहना चाहिए। सीतारमण ने कहा कि सीसीआई 2.0 मोड से अत्यधिक सावधान रहकर और घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में विकास की स्वत: कार्रवाई से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा कायम करने में मदद मिल सकती है। उन्होने कहा कि इससे सीसीआई भारत के भीतर और विश्व की सभी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में अंतर्निहित बाजार चुनौतियों से निपट सकता है। उन्होंने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्थाओं में परावर्तन हो रहा है।
अपने भाषण में केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि सीसीआई विश्व स्तर का संस्थान है, जिसने पिछले दशक की चुनौतियों को संभाला है और इसने अगले दशक के लिए बाजार से निर्देशित नीतियां तैयार करने के दृष्टिकोण के जरिये मजबूत आधार बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा नीति बाजार का हृदय है और सीसीआई ने शानदार संतुलन बनाकर प्रवर्तनकर्ता और मददकर्ता की भूमिका निभाई है।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में सचिव इंजेती श्रीनिवास ने नियामक, सलाहकार और अर्द्ध न्यायिक क्षमताओं में प्रभावी जिम्मेदारी निभाने के लिए सीसीआई की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीसीआई की 10वीं वर्षगांठ एक क्रांतिकारी परिवर्तन है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और जारी रखने के लिए सीसीआई प्रतिस्पर्धात्मक पारिस्थितिकी प्रणाली विकसित करेगा और उभरती हुई चुनौतियों से निपटेगा। श्रीनिवास ने कहा कि सीसीआई के सामने अब मुख्य चुनौती अत्यधिक नियंत्रण को हटाना है, लेकिन साथ ही बेहतर कार्य करना है।
अपने स्वागत भाषण में सीसीआई के अध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा ने एकत्र लोगों का स्वागत किया और सीसीआई के अस्तित्व में आने के पहले दशक में उसकी विभिन्न उपलब्धियों की जानकारी दी। शर्मा ने सीसीआई के बनने के दौरान उससे जुड़े लोगों के योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री ने दो आंतरिक पुस्तकों-डायग्नोस्टिक टूलकिट फॉर प्रोक्योरमेंट और कम्पीटिशन लॉ जूडिशियल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रेनिंग मॉड्यूल का विमोचन किया। दोनों प्रकाशन शोध करके तैयार किये गये हैं और इनका प्रकाशन सीसीआई ने किया है।
सीसीआई के 10वीं वर्षगांठ समारोह में अनेक जाने-माने प्रतिष्ठित व्यक्तियों सहित सीसीआई के सदस्य भगवन्त सिंह बिश्नोई और डॉक्टर संगीता वर्मा भी शामिल हुए।
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