भारत और बहरीन के बीच अन्वेषण और उपयोग में समझौता ज्ञापन को मंत्रिमंडल की मंजूरी

नईदिल्ली,31 जुलाई (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष में अन्वेषण और उपयोग में सहयोग के लिए भारत और बहरीन के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बारे में अवगत कराया गया।
इस समझौता ज्ञापन पर भारत द्वारा 11 मार्च को बैंगलुरु में और 28 मार्च को बहरीन द्वारा मनामा में हस्ताक्षर किए गए।
यह समझौता ज्ञापन, पृथ्वी की रिमोर्ट सेंसिंग, उपग्रह संचार, उपग्रह आधारित नेविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रह-संबंधी अन्वेषण, अंतरिक्षयान, अंतरिक्ष प्रणालियों और भूतल प्रणाली के उपयोग तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग सहित अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा अनुप्रयोगों जैसे सहयोग के संभावित हित क्षेत्रों को समर्थ बनाएगा।
डीओएस/आईएसआरओ और बहरीन सरकार की बहरीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान एजेंसी (एनएसएसए) से सदस्यों को शामिल करके एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने में मदद करेगा, जो समय-सीमा और समझौता ज्ञापन कार्यान्वयन के तरीकों सहित कार्य-योजना भी तैयार करेगा।
इस हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन से विशेष कार्यान्वयन प्रबंध पूरा करने तथा समय-सीमा और इस समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन तरीकों सहित कार्य-योजना तैयार करने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने में मदद मिलेगी।
यह समझौता ज्ञापन पृथ्वी के रिमोर्ट सेंसिंग, उपग्रह संचार, उपग्रह नेविगेषण, अंतरिक्ष विज्ञान, बाह्य अंतरिक्ष के अन्वेषण के क्षेत्र में नई अनुसंधान गतिविधियों और अनुप्रयोग संभावनाओं का पता लगाने में मदद करेगा।
प्रत्येक निर्दिष्ट गतिविधि के संबंध में वित्तीय योगदान संयुक्त गतिविधि के स्वरूप पर निर्भर करेगा, जिसका ब्यौरा संबंधित कार्यान्वयन समझौतों (प्रबंधों)/अनुबंधों में दिया जाएगा।
इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से बहरीन सरकार के साथ सहयोग से मानवता की भलाई के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोगों के क्षेत्र में संयुक्त गतिविधि विकसित करने में बढ़ावा मिला। इस प्रकार देश के सभी हिस्से और क्षेत्र लाभान्वित होंगे।
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