मंत्रिमंडल ने एक वर्ष के लिए 40 लाख मीट्रिक टन चीनी का सुरक्षित भंडार बनाने की दी मंजूरी

नईदिल्ली,24 जुलाई (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता मे मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति (सीसीईए) की ओर से दिये गए प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इन प्रस्तावों के अनुसार एक वर्ष के लिए 40 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) चीनी का सुरक्षित भंडार बनाना और इसके लिए अधिकतम 1674 करोड़ रुपये अनुमानित खर्च करना। लेकिन खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा बाजार मूल्य और चीनी की उपलब्धता के आधार पर किसी भी समय वापसी/ संशोधन के लिए इसकी समीक्षा की जा सकती है।
योजना के अंतर्गत चीनी मिलों को तिमाही आधार पर प्रतिपूर्ति की जाएगी जिसे चीनी मिलों की ओर से बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए सीधे किसानों के खाते में डाल दिया जाएगा और यदि कोई बाद का शेष होता है, तो उसे मील के खाते में जमा किया जाएगा।
चीनी मौसम 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) तथा चीनी मौसम 2018-19 के दौरान चीनी के उत्पादन को देखते हुए और उद्योग में अधिक लाभ की स्थिति तथा तरलता में कमी को देखते हुए सरकार द्वारा समय-समय पर कदम उठाए गए हैं ताकि चीनी मिलों की तरलता में सुधार हो सके और मीलें किसानों के बकाया गन्ना मूल्यों का भुगतान कर सकें तथा घरेलू बाजार में चीनी की कीमतें स्थिर हो सकें।
सरकार द्वारा एक वर्ष के लिए यानी 1 जुलाई, 2018 से 30 जून के लिए 30 लाख मीट्रिक टन चीनी का सुरक्षित भंडार बनाना सरकार के विभिन्न कदमों में एक है। इसी के अनुसार सुरक्षित भंडार बनाने और रखरखाव के लिए योजना 15 जून को अधिसूचित की गई।
चीनी उत्पादन मौसम 2017-2018 में घोषित सुरक्षित भंडार सब्सिडी योजना 30 जून को समाप्त हो गई है। लेकिन आगामी चीनी उत्पादन मौसम 2019-20 बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाने/ प्रारंभिक स्टॉक के साथ शुरू हो सकता है। इसलिए मांग आपूर्ति संतुलन बनाए रखने तथा चीनी की कीमतें स्थिर रखने के लिए सरकार ने 1 अगस्त, 2019 से 31 जुलाई, 2020 तक एक वर्ष के लिए 40 लाख मीट्रिक टन चीनी का सुरक्षित भंडार बनाने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार योजना में भाग लेने वाली चीनी मिलों को लगभग 1674 करोड़ रुपये की रखाव लागत की प्रतिपूर्ति करेगी। इससे चीनी मिलों की तरलता स्थिति में सुधार होगा। योजना के अंतर्गत उपलब्ध प्रतिपूर्ति किसानों के बकाया गन्ना मूल्यों के भुगतान के लिए उनके खातों में चीनी मिलों द्वारा सीधा जमा किया जाएगा।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »