विधानसभा में उठा पीएचडी डिग्री का मामला
रायपुर, 15 जुलाई (आरएनएस)। कलिंगा विश्वविद्यालय में वर्ष 2014 से 2019 तक के मध्य पीएचडी डिग्री प्रदान किए जाने को लेकर आज भाजपा सदस्य नारायण चंदेल ने उच्चशिक्षा मंत्री को घेरने का प्रयास किया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र के आज दूसरे भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने पीएचडी डिग्री प्रदान किए जाने का मुद्दा उठाया। प्रश्रकाल के दौरान श्री चंदेल ने उच्चशिक्षा मंत्री उमेश पटेल से पूछा कि कलिंगा विश्वविद्यालय में वर्ष 2014 से 2019 के बीच कितने लोगों को किस-किस विषय में पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई है? इसके जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने सदन को बताया कि कलिंगा विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा वर्ष 2014 से 2019 के बीच 36 लोगों को कंप्यूटर साइंस, शिक्षा कला एवं मानवीकी, लाइब्रेरी साइंस,मैनेजमेंट, गणित, इंजीनियरिंग एवं पत्रकारिता और जनसंचार जैसे विषयों पर पीएचडी की डिग्री दी गई। विश्वविद्यालय में 27 पीएचडीधारी प्रोफेसर कार्यरत है। श्री चंदेल ने फिर जानना चाहा कि पीएचडी के लिए क्या गाइडलाइन है? गाइड सेलेक्शन का क्या आधार है? जिसके जवाब में मंत्री ने बताया कि पीएचडी उपाधि धारक जिसके दो शोधपत्र प्रकाशित है उन्हें गाइड बनाया जा सकता है। अलग-अलग अर्हता रखने वालों को पीएचडी कराने की पात्रता होगी। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विश्वविद्यालय में पीएचडी उपाधि के संबंध में जांच कराने के निर्देश दिया है।