नौवहन के लिए भारत और मालदीव के बीच हुआ समझौता

नईदिल्ली ,03 जुलाई (आरएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मालदीव के बीच समुद्री मार्ग से यात्री सेवा और माल ढुलाई सेवा को बढ़ावा देने के किए दिए गए समझौते को पूर्व-प्रभाव से अपनी मंजूरी दे दी है, जिस पर भारत के प्रधानमंत्री के मालदीव के दौरे के अवसर पर 8 जून को हस्ताक्षर किए गए थे।
मालदीव के विकास में भारत एक अग्रणी साझेदार है और इसने मालदीव में अनेक महत्वपूर्ण संस्थान स्थापित किए हैं। फिलहाल भारत ने व्यापार के लिए मालदीव को दीर्घकालिक और रिवोल्विंग क्रेडिट सहित 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की स्टेंड-बाय ऋ ण सुविधा (एससीएफ) प्रदान की है।
माले, मालदीव की राजधानी और सबसे अधिक जनसंख्या वाला महानगर है और कुलहुधुफुसी सबसे अधिक जनसंख्या वाला तीसरा महानगर है, जिससे दोनों देशों के पर्यटकों के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए कोच्चि से फेरी सेवाओं की शुरुआत के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। माले कोच्चि से 708 किलोमीटर की दूरी पर और कुलहुधुफुसी 509 किलोमीटर दूर है। कुलहुधुफुसी और इसके आस-पास के द्वीप मालदीव के उत्तरी भाग में जनसंख्या के प्रमुख केंद्र हैं। यहां काफी संख्या में रिज़ॉर्ट्स बने हैं, जो भारतीय लोगों के लिए संभावित पर्यटन स्थल हो सकते हैं। वर्तमान संपर्क सुविधाओं में माले के लिए उड़ानों और रिज़ॉर्ट्स के लिए सी प्लेनों की सेवाएं शामिल हैं, जो महंगे विकल्प हैं। दूसरी ओर, समुद्री मार्ग से कोच्चि के साथ संपर्क सुविधा कायम होने से दोनों देशों के बीच, विशेषकर भारत के लिए स्वास्थ्य और वेलनेस पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है। मालदीव के बहुत से लोग शैक्षिक उद्देश्यों के लिए भी केरल और दक्षिण भारत के अन्य महानगरों की यात्रा करते हैं।
दोनों देशों के बीच, समुद्री मार्ग से यात्री एवं माल ढुलाई के क्षेत्र में संभावित अवसर से लाभ प्राप्त करने की दृष्टि से, मालदीव के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। प्रस्तावित फेरी सेवा से जन-जन के बीच संपर्क बढऩे के साथ-साथ दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने में योगदान मिलेगा।
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