कायाकल्प और शहरी बदलाव के लिए अमृत और स्मार्ट सिटी मिशन की प्रगति उल्लेखनीय

नईदिल्ली ,25 जून (आरएनएस)। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए प्रमुख मिशनों और कार्यक्रमों के कारण शहरों में बदलाव की प्रगति जोरदार रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) कायाकल्प और शहरी बदलाव के लिए अटल मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन न केवल देश के शहरी परिदृश्य में बदलाव ला रहे हैं, बल्कि नागरिकों के जीवनयापन को भी सरल बनाने का काम सुनिश्चित कर रहे हैं। वर्ष 2004 -2014 के दौरान किए गए कुल 1.57 लाख करोड़ रुपये के समग्र निवेश की तुलना में 2014 से 2019 के दौरान शहरी कायाकल्प में निवेश 10.31 लाख करोड़ रुपये हुआ है, जो 554 प्रतिशत बढ़ोतरी को दर्शाता है। पीएमएवाई (यू), अमृत और एससीएम में लगभग 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा लागू किए जा रहे मिशन, अपने लक्ष्य और समयसीमा से आगे चल रहे है। शहरों के लिए यह बदलाव और प्रभाव आने वाले वर्षों में जारी रहेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत कुल 4.83 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 81 लाख से भी अधिक घरों के निर्माण की स्वीकृति से देश की शहरी गरीब आबादी के बड़े तबकों के लिए छत उपलब्ध कराना के उद्देश्य को पूरा करने में मदद मिली है। इनमें से 48 लाख घर निर्माण के विभिन्न चरणों में है। 26 लाख घर पूरा होने के बाद सौंप दिए गए हैं। वर्ष 2022 तक सभी को घर उपलब्ध कराने के मिशन लक्ष्य समय और निर्धारित लक्ष्य से आगे हैं। 13 लाख से अधिक घरों के निर्माण में नई प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। 1.26 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता निर्धारित की गई है जिसमें से 51 हजार करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक उपाय के रूप में घरों को महिला के नाम पर या संयुक्त स्वामित्व में उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की क्रेडिट से जुड़ी सब्सिडी योजना के तहत 18 लाख प्रतिवर्ष तक की आय के मध्यम आय वर्ग के परिवारों को पहली बार घरों के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। घर के कारपेट एरिया को बढ़ाकर 200 वर्गमीटर कर दिया गया है। 2005-2019 के दौरान सीएलएसएस के तहत 6.32 लाख से अधिक लोगों ने इससे लाभ उठाया है।
कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन को वैश्विक जलापूर्ति, सीवरेज ढांचे में सुधार, बच्चों का विकास, दिव्यांगों के अनुकूल हरे पार्कों और खुली जगह, तूफान के पानी की निकासी और गैर-मोटर चालित शहरी यातायात में सुधार और जिसके तहत सुधारों को लागू करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोत्साहन देने का सुधार एजेंडा लागू करने के लिए शुरू किया गया था। 77,640 करोड़ रुपये लागत की राज्य योजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। इसमें से 39,011 करोड़ रुपये जल आपूर्ति परियोजनाओं, 32,456 करोड़ रुपये सीवरेज और सेप्टिक टैंकों, 2,969 करोड़ रुपये स्टॉर्म जल निकासी के लिए, 1,436 करोड़ रुपये गैर-मोटरीकृत शहरी परिवहन के लिए तथा 1,768 करोड़ रुपये हरे स्थानों और पार्कों के लिए मंजूर किए गए हैं। इन पहलों से 22 करोड़ से अधिक शहरी आबादी को लाभ पहुंचा है। ऑनलाइन भवन अनुमति प्रणालियों (ओबीपीएस) को 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की सभी यूएलबी सहित 1,705 यूएलबी में लागू किया गया है, जिससे नागरिकों के जीवन यापन को सहज बनाना सुनिश्चित हुआ है।
जल संकट से जल सुरक्षा की ओर बढऩे के लिए 33,900 करोड़ रुपये लागत की 1,132 परियोजनाओं को लागू किया जा रहा है। अभी तक 58 लाख पानी के नल कनेक्शन दिए गए हैं, इसके अलावा 81 लाख पानी के नल कनेक्शन और उपलब्ध कराए जाएंगे। मिशन के अंत तक सभी परिवारों को जल की आपूर्ति सुलभ होगी। अपशिष्ट जल को रिसाइकिल और पुनर्उपयोग के लिए 26,589 करोड़ रुपये लागत की 622 सीवरेज एवं सेप्टी टैंक प्रबंधन परियोजनाओं पर काम चल रहा है। 37 लाख सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं जबकि 108 लाख और सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे। मिशन की समाप्ति तक सीवर की कवरेज 31 प्रतिशत से बढ़ाकर 62 प्रतिशत की जा रही है। स्वस्थ जीवन शैली के लिए हरी-भरी जगह जुटाने के लिए 593 करोड़ रुपये की लागत से 1,048 पार्क विकसित किए गए हैं। 1,004 करोड़ रुपये की लागत से 1,356 पार्कों का विकास किया जा रहा है। इन पार्कों में महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगजनों की अनुकूल सुविधाएं जुटाई गई हैं।
353 शहरों में पंपों का ऊर्जा संबंधी परीक्षण पूरा हो चुका है। 11 हजार पंपों को बदलने की पहचान की गई है। 467 अमृत शहरों की क्रेडिट रेटिंग का कार्य पूरा हो चुका है। इनमें से 163 शहरों को निवेश योग्य ग्रेड रेटिंग प्राप्त हो चुकी हैं जिसमें से 36 को ए माइनस और इससे ऊपर की रेटिंग दी गई है। 8 शहरी स्थानीय निकायों – पुणे, हैदराबाद, भोपाल, इंदौर, विशाखापट्टनम, अमरावती, अहमदाबाद और सूरत ने 3,400 करोड़ रुपये मूल्य के निगम बांड जारी किए हैं। निगम बांड को जारी करने के काम को प्रोत्साहित करने के लिए एलबी के अनुसार जारी किए गए प्रत्येक 100 करोड़ मूल्य के निगम बांड के लिए 13 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पुरस्कार दिया जा रहा है। अभी तक निगम बांड जुटाने के लिए 181 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।
25 जून, 2015 को शुरू किया गया स्मार्ट सिटी मिशन सबसे अधिक परिवर्तनकारी शहरी मिशनों में से एक है। इसका उद्देश्य स्मार्ट समाधानों के अनुप्रयोग द्वारा शहरी बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना और नागरिकों को बेहतर गुणवत्ता का जीवन उपलब्ध कराना है। 16 एकीकृत नियंत्रण एवं कमांड (आईसीसीसी) केंद्रों के संचालन ने नागरिकों को अनेक ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराने में योगदान दिया है। इसने अपराध रोकथाम, बेहतर निगरानी और महिलाओं के प्रति अपराधों को कम करने में मदद की है। अन्य 55 आईसीसीसी लागू होने के विभिन्न चरणों में है। अभी तक 100 विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी) का निर्माण हुआ है। 100 नकद स्तर सलाहकार मंचों का गठन किया गया है। 100 परियोजना प्रबंधन सलाहकार (पीएमसी) नियुक्त किए गए हैं और 2.05 लाख करोड़ रुपये लागत की 5,151 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
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