मुजफ्फरपुर में 100 बिस्तरों वाले बच्चों के आईसीयू का डिजाइन तैयार

नईदिल्ली,23 जून (आरएनएस)। ‘केन्द्रीय एवं राज्य टीमों ने 100 बेड वाले पीआईसीयू के स्थान एवं रूपरेखा को अंतिम रूप दे दिया है, जिसे केन्द्रीय रूप से प्रायोजित एक योजना के तहत सहायता दी जाएगी।Ó केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कल यहां स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बिहार के एईएस मामलों की स्थिति की समीक्षा करने के बाद ये उद्गार व्यक्त किये। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ दैनिक आधार पर एईएस मामलों की समीक्षा कर रहे हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि कल एक मौत और एक नई भर्ती हुई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एसकेएमसीएच में 84 मरीज़ है जिनमें से 4 रोगियों की स्थिति गंभीर है और उन पर नियमित रूप से निगरानी रखी जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से मुजफ्फरपुर में बहु-विषयक केन्द्रीय टीम शिविर लगा कर रह रही है। उन्होंने उल्लेख किया कि ‘राज्य एवं जिला प्रसाशन के सहयोग से सामुदायिक स्तर पर सामाजिक एवं व्यवहारगत बदलाव के प्रयासों और आरंभिक पहचान तथा प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के प्रबंधन को सुदृढ़ किया गया है।Ó उन्होंने यह भी कहा कि एक्यूट इनसैफालोपैथी सिन्ड्रोम (एईएस) के नैदानिक प्रबंधन की बहु-विषयक केन्द्रीय टीम द्वारा भी सहायता की जा रही है और रोगियों को 24 घंटे नैदानिक, डायग्नोस्टिक एवं दवा की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
अन्य वरिष्ठ अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव एवं मिशन निदेशक (एनएचएम) श्री मनोज झालानी ने एसकेएमसीएच, जहां मुजफ्फरपुर के एईएस रोगियों की भर्ती की जा रही है, सहित मुजफ्फरपुर का दौरा किया है और स्थिति का जायजा लिया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल समुदाय स्तर, प्राथमिक सुविधा स्तर एवं जिला अस्पताल तथा एसकेएमसीएच में एईएस मामलों के रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की निगरानी एवं सहायता के लिए कल तक मुजफ्फरपुर में तैनात थे। केन्द्रीय टीमें बिहार में तब तक तैनात रहेंगी, जब तक एईएस के कारण मृत्यु दर नियंत्रित नहीं हो जाती।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »