विभिन्न राज्यों के बीच नदी जल विवाद शीघ्र हल करने के उपाय करे केन्द्र सरकार : रविन्द्र चौबे

 

रायपुर , 11 जून (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि केन्द्र सरकार को विभिन्न राज्यों के बीच आपसी सहमति से नदी जल विवादों के शीघ्र निपटारे के लिए उपाय करने चाहिए। रविन्द्र चौबे आज नई दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित राज्यों के जल संसाधन, पेयजल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्रियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने की। बैठक में राज्य के लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार भी उपस्थित थे।
चौबे ने कहा कि नदी जल विवादों के कारण अनेक राज्यों में कई सिंचाई परियोजनाएं लंबित पड़ी है और उपलब्ध जलसंपदा का उपयोग नहीं हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि ट्रिब्यूनल में मामला जाने पर उसके निपटारे में कई वर्षो का बहुमूल्य समय नष्ट हो जाता हैं। चौबे की इस बात का बैठक में उपस्थित अन्य राज्यों के जलसंसाधन मंत्रियों ने भी समर्थन किया। चौबे ने बैठक में छत्तीसगढ़ की बहुआयामी और महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी का जिक्र करते हुए बताया कि राज्य में नरवा विकास के माध्यम से छोटी-छोटी नदियों, नालों आदि के पानी को रोककर गांव के स्तर पर ही जलसंरक्षण की व्यवस्था की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अपने बजट से ही लगभग 2 लाख हैक्टर क्षेत्र में सिंचाई के लिए योजनाएं बनाई हैं। उन्होंने कहा कि अगर केन्द्र और राज्य परस्पर सहयोग से कार्य करेंगे तो जल संरक्षण की योजनाओं पर बेहतर ढंग से काम हो सकेगा तथा आमजनता को अच्छी सुविधा मिल सकेगी।
बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई सरकार ने मिनिमाता अमृतधारा योजना के तहत राज्य के हर गरीबी रेखा के नीचे बसर करने वाले परिवारों को नि:शुल्क पेयजल कनेक्शन देने का निर्णय लिया हैं और इस योजना पर तेजी से कार्य चल रहा हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की भी ऐसी ही योजना हैं और अगर हमें केन्द्र सरकार से भी अपेक्षित सहयोग मिलेगा तो हम राज्य के सभी परिवारों को पेयजल कनेक्शन देने का लक्ष्य नियत समय में पूरा कर सकेंगे। उन्होंने छत्तीसगढ़ के कई ग्रामों में फलोराइड और लौह युक्त जल की शिकायतों को जिक्र करते हुए कहा कि इस समस्या के निराकरण के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत हैं ताकि प्रभावित ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा सके। बैठक में जल संसाधन विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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