विक्टोरिया के साथ अनुभवों की साझेदारी के लिए छत्तीसगढ़ उत्सुक : डॉ. रमन
रायपुर, 16 जनवरी (आरएनएस)। अपनी आस्ट्रेलिया-यात्रा के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉं.रमन सिंह ने आज विक्टोरिया राज्य के विधान परिषद अध्यक्ष श्री ब्रूस एटकिंसन से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें छत्तीसगढ़ में हो रहे विकास तथा उपलब्धियों के बारे में बताया। साथ ही कहा कि वे विक्टोरिया और छत्तीसगढ़ के बीच अनुभवों की साझेदारी को लेकर उत्सुक हैं।
स्मार्ट सिटी के रूप में मेलबर्न का स्थान विश्व में सातवां है।
मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने श्री एटकिंसन को बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 92 वर्गमील क्षेत्र में भारत की पहली हरित स्मार्ट सिटी ‘नया रायपुरÓ विकसित किया है। यह शहर विश्वस्तरीय अधोसंरचना के साथ स्वयं को सच्ची स्मार्ट सिटी साबित करता है। छत्तीसगढ़ द्वारा यहां 1.9 अरब आस्ट्रेलियन डालर का निवेश किया जा चुका है और लगभग 2.5 अरब आस्ट्रेलियन डालर का निवेश किया जा रहा है। इस शहर में कमर्शियल काम्पलेक्स, नॉलेज पार्क, हेल्थ सिटी, इंटरटेनमेंट एंड रिक्रिएशन क्लस्टर, थीम टाउनशिप, स्पोट्र्स काम्पलेक्स समेत वे सभी सुविधाएं विकसित की जा रही है, जो इसे एक विश्वस्तरीय शहर के रूप में पहचान देती हैं। नया रायपुर ऐसे गैर-प्रदूषणकारी उद्योगों को प्लग एंड प्ले अधोसंरचना की सुविधा प्रदान करता है, जो छत्तीसगढ़ में व्यापारिक लाभ उठाना चाहते हैं। सूचना आईटी, आईटीज टेक्नालॉजी, इलेक्ट्रानिक्स और लाजिस्टिक सेक्टर यूनिट्स के लिए नया रायपुर की भौगोलिक स्थिति बहुत फायदेमंद है। मेलबर्न और नया रायपुर के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार परस्पर समझौता करना चाहती है।
उन्होंने श्री एटकिंसन को बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश भारत के मध्य में स्थित है। उसकी यह स्थिति निवेश और व्यवसाय की दृष्टि से बहुत फायदेमंद है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भारत में मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे रहे हैं, छत्तीसगढ़ राज्य इसके लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि आस्ट्रेलिया की तरह छत्तीसगढ़ भी एक खनिज समृद्ध राज्य है। कोयले और डोलेमाइट के उत्पादन में यह देश में अव्वल और लौह अयस्क के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। एल्यूमिनियम में राज्य का देश में योगदान 15 प्रतिशत, लोहे और इस्पात में 25 प्रतिशत, सीमेंट में 16 प्रतिशत और चूना पत्थर में 8 प्रतिशत है। आस्ट्रेलिया की स्वयं की पहचान माइनिंग हब के रूप में है। छत्तीसगढ़ सरकार खनन तकनीक, सुरक्षा, उपकरण और निर्माण के क्षेत्र में सहयोग कर सकती है।