छत्तीसगढ़ के रायपुर को दूसरे स्थान का पुरस्कार
नई दिल्ली ,25 फरवरी(आरएनएस)। केंद्रीय जल संसाधन तथा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में जल की कोई कमी नहीं है, बल्कि जल प्रबंधन समुचित रूप से मौजूद नहीं है। इसके लिए उन्होंने समूचे जल संसाधन सेक्टर के लिए एक नये दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल देते हुए जल संरक्षण और प्रबंधन को जन-आंदोलन बनाने पर जोर दिया। इस मौके पर उन्होंने जल संरक्षण और जल प्रबन्धन के क्षेत्र में देशभर के राज्यों और उनके जिलों में हुए उत्कृष्ट योगदान के लिए 14 वर्गों में 82 राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किए।
यहां नई दिल्ली में आयोजित एक पुरस्कार समारोह में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में पानी की कोई कमी नहीं है, बल्कि जल प्रबंधन समुचित रूप से मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि समूचे जल संसाधन सेक्टर के लिए एक नये दृष्टिकोण की आवश्यकता है और राष्ट्रीय जल पुरस्कार इस दिशा में एक अच्छा कदम है। भारत में जल के कारगर प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए गडकरी ने कहा कि ओखला बराज से 400 एमएलडी पानी का उपचार किया जाएगा और उसे वजीराबाद बराज के जरिए दिल्ली में इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कई परियोजनाओं को पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि नहर से सिंचाई के स्थान पर पाइप के जरिए सिंचाई करने को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि पानी को बचाया जा सके। इसी तरह मौजूदा नहरों को भी पक्का बनाया जा रहा है, ताकि पानी का नुकसान न हो सके।
स्वच्छ गंगा अभियान के बारे में गडकरी ने कहा कि कुम्भ मेले में पानी ‘निर्मलÓ और ‘अविरलÓ रहा तथा लोगों ने स्वच्छ पानी में स्नान किया। उन्होंने कहा कि गंगा में डॉलफिन, कच्छुए और पक्षियों की मौजूदगी से पता लगता है कि नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार आया है।
राष्ट्रीय जल पुरस्कार
केंद्र सरकार ने देश में जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूकता और कार्यक्रमों में योगदान करने वाले राज्यों, विभागों, संगठनों और व्यक्तियों के लिए पुरस्कारों की घोषणा की थी, जिसमें वर्ष 2018 के लिए 14 श्रेणियों में 84 पुरस्कार प्रदान किये गये। जिनमें 6 जोनों के सर्वश्रेष्ठ जिले, सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ नगर निगम, जल संसाधन के लिए नई प्रौद्योगिकी अपनाने-नवाचार-अनुसंधान, सर्वश्रेष्ठ जागरण अभियान, जल संरक्षण को प्रोत्साहन देने वाले सर्वश्रेष्ठ टीवी शो, हिन्दी-अंग्रेजी-क्षेत्रीय भाषाओं के सर्वश्रेष्ठ अखबार, परिसर में पानी के कारगर इस्तेमाल करने वाले सर्वश्रेष्ठ स्कूल, सर्वश्रेष्ठ संस्थान इत्यादि शामिल हैं। पुरस्कारों में ट्रॉफी और प्रशंसा पत्र शामिल हैं। पहले, दूसरे और तीसरे स्थानों के लिए क्रमश: 2 लाख रुपये, 1.5 लाख रुपये और एक लाख रुपये नकद पुरस्कार दिए गए। सर्वश्रेष्ठ राज्य वर्ग में महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश को क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा स्थान मिला। महाराष्ट्र की तरफ से चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरिश महाजन, जल संसाधन और कमान क्षेत्र विकास तथा जल संसाधन मंत्री ी राम शिंदे ने पुरस्कार प्राप्त किया। सर्वश्रेष्ठ जल नियामक प्राधिकरण का पुरस्कार महाराष्ट्र जल संसाधन नियामक प्राधिकरण, पुणे को प्राप्त हुआ।
रायपुर को दूसरा पुरस्कार
जल संरक्षण की दिशा में सर्वश्रेष्ठ शोध, नवोन्मेष और जल संरक्षण के लिए नई तकनीक का अनुकूलन इस्तेमाल करने के मामले में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की आईजीकेवी के डा. जितेन्द्र सिन्हा को दूसरे स्थान का पुरस्कार दिया गया है, जिसमें डेढ़ लाख रुपये की राशि भी शामिल है। इस वर्ग में पहला पुरस्कार जम्मू-कश्मीर को दो लाख रुपये और तीसरा पुरस्कार महाराष्ट्र के वर्धा की एक संस्था को एक लाख रुपये के रूप में मिला है। इसके अलावा मध्य प्रदेश को आकांक्षा जिले के रूप में राजगढ़ को प्रथम, मोरैना व इंदौर को तीसरे स्थान के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
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