डीपीआईआईटी ने राज्यों की रैंकिंग का दूसरा संस्करण लांच किया

नईदिल्ली ,20 फरवरी (आरएनएस)। वर्ष 2018 में राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग का प्रथम संस्करण सफलतापूर्वक लांच करने के बाद उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने आज वर्ष 2019 के लिए स्टार्टअप रैंकिंग का दूसरा संस्करण जारी किया। राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग के प्रथम संस्करण में 27 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों ने भाग लिया था।
स्टार्टअप रैंकिंग की रूपरेखा का उद्देश्य स्टार्टअप्स को आवश्यक सहयोग प्रदान करने की सुदृढ़ व्यवस्था करने की दृष्टि से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग करना है। इस रूपरेखा के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि वे एक-दूसरे की अच्छी प्रथाओं या तौर-तरीकों की पहचान करें, उनसे सीखें और उन्हें अपने यहां अमल में लाएं।
रैंकिंग रूपरेखा (फ्रेमवर्क) 2019 में 7 आधार और 30 कार्य-बिंदु शामिल हैं। इन आधारों के जरिए संस्थागत सहायता, नियम-कायदों को सरल करने, सार्वजनिक खरीद को आसान करने, इन्क्यूबेशन संबंधी सहयोग, प्रारंभिक पूंजी के वित्त पोषण संबंधी सहयोग, उद्यम वित्त पोषण संबंधी सहायता एवं जागरूकता और पहुंच संबंधी गतिविधियों के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए गए प्रयासों का आकलन किया जाता है। रैंकिंग से जुड़ी इस कवायद का उद्देश्य 1 मई, 2018 से लेकर 30 जून, 2019 तक की आकलन अवधि के दौरान राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए जाने वाले उपायों का आकलन करना है।
डीपीआईआईटी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ सलाह-मशविरा के अनेक दौर पूरे करने के बाद यह रूपरेखा तैयार की है। स्टार्टअप से जुड़े परिवेश के लिए स्टार्टअप्स और अन्य महत्वपूर्ण हितधारको से आवश्यक जानकारियां प्राप्त करने पर विशेष जोर देने से यह रूपरेखा पिछले वर्ष की तुलना में स्पष्ट रूप से काफी विकसित हो गई है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को स्टार्टअप इंडिया पर उपलब्ध स्टार्टअप रैंकिंग डैशबोर्ड पर अपने यहां लागू सुधारों के बारे में उल्लेख करना है।
डीपीआईआईटी ने रैंकिंग रूपरेखा के 7 आधारों से जुड़े उल्लेखनीय प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मान्यता प्रदान करने का भी प्रस्ताव किया है। रैंकिंग 2019 कवायद के एक हिस्से के रूप में डीपीआईआईटी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के अभिनव स्टार्टअप कार्यक्रमों और पहलों को मान्यता प्रदान करेगा।
वर्ष 2018 में रैंकिंग रूपरेखा को लांच किए जाने से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश इस दिशा में तेजी से प्रयासरत हो गए जिससे देश में स्टार्टअप से जुड़े अभियान को काफी बढ़ावा मिला। अब तक 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी-अपनी विशिष्ट स्टार्टअप नीतियों की शुरुआत कर दी है, ताकि उनके क्षेत्राधिकार में आने वाले स्टार्टअप्स को विशेष प्रोत्साहन मिल सके। स्टार्टअप रैंकिंग 2019 से देश में स्टार्टअप से जुड़े परिवेश को बेहतर करने तथा ‘भारत के एक स्टार्टअप राष्ट्र के रूप में उभरनेÓ के विजन को काफी बढ़ावा मिलने की आशा है।(साभार-पीआईबी)
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