शहीदों को नम आंखों से विदाई, आतंक के खिलाफ पूरा देश एकजुट

नई दिल्ली ,16 फरवरी (आरएनएस)। पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को नम आंखों से भावभीनी विदाई दी गई और अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। शहादत प्राप्त करने वाले शामली, प्रयागराज, वाराणसी हो या पटना, जबलपुर, जयपुर जैसे कई शहरों के थे। सीआरपीएफ के 40 शहीद जवानों के पार्थिव शरीरों के पहुंचते ही अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। भारत माता की जय और शहीद अमर रहें … के नारे देश के कोने-कोने से सुनाई दे रहे हैं। पूरे देश में आज एक तरफ गम और गुस्सा है तो वहीं आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सरकार और विपक्ष सब एकजुट हो गए हैं।
देश के कई शहरों में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं और पूरा देश पुलवामा हमले का बदला लेने की मांग कर रहा है। मुंबई में ट्रेनें रोककर लोगों ने पुलवामा हमले के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। पटना के मसौढ़ी में जब शहीद संजय कुमार सिन्हा का पार्थिव शरीर पहुंचा तो गगनभेदी नारों के बीच लोगों ने तिरंगा यात्रा भी निकाली।
वहीं, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की दृढ़ता दिखाते हुए शनिवार को सभी राजनीतिक दलों ने एकजुटता दिखाई। दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में इस बात को रेखांकित किया गया कि हम भारत की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा बलों के साथ एकजुटता से खड़े हैं।
बीजेपी और कांग्रेस सहित सभी दलों ने एक प्रस्ताव पारित कर आतंकी हमले और सीमा पार से उसे मिल रहे समर्थन की निंदा की। प्रस्ताव में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया लेकिन इस बात पर जोर दिया गया कि भारत सीमा पार से आतंकी खतरे का सामना कर रहा है जिसे पड़ोसी देश के सुरक्षाबलों द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस बीच, पुलवामा के गुनहगारों को सबक सिखाने की प्रतिबद्धता पीएम मोदी ने एक बार फिर जाहिर की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को फिर कहा कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि हमले के साजिशकर्ताओं को सजा देने के लिए सुरक्षाबलों को पूरी आजादी दे दी गई है।
महाराष्ट्र के यवतमाल में कई परियोजनाओं की शुरुआत करने पहुंचे प्रधानमंत्री ने एक जनसभा में कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का पर्याय बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, पुलवामा के शहीदों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। आतंकी संगठन छिपने की कितनी भी कोशिश कर लें, उन्हें खोजकर उनके अपराधों की सजा दी जाएगी।
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