छह माह में भरे जाएं सूचना आयुक्तों के खाली पद:सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली ,16 फरवरी (आरएनएस)। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति मुख्य चुनाव आयुक्त की तरह होनी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सूचना का अधिकार कानून यहीं कहता है। न्यायमूर्ति एके सिकरी और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर ने निर्देश दिया है कि केंद्रीय सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त का पद खाली होने से करीब एक या दो महीने पहले की नई नियुक्ति की प्रक्त्रिस्या शुरू कर दी जानी चाहिए, जिससे कि पद खाली और नई नियुक्ति के बीच अधिक वक्त नहीं होना चाहिए। जिन राज्यों में सूचना आयुक्तों केपद रिक्त हैं, उन्हें छह महीने के भीतर भर लिया जाना चाहिए। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि वह नियुक्ति संबंधी विज्ञापन, आवेदन प्राप्ति, आवेदकों के बारे में जानकारी, चयन समिति के गठन आदि सहित अन्य जानकारी वेबसाइट पर जारी करने के लिए कहा है। राज्य को भी यह पद्धति अपनाने के लिए कहा है। पीठ ने आईटीआई अधिनियम बनाने का मकसद उपयोगी बनाना ही नहीं बल्कि बोलने व अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित करना भी है। अधिनियम के सही क्त्रिस्यान्वन से सुशासन सुनिश्चित की जा सकती है, जो इस किसी भी लोकतंत्र का अहम हिस्सा है। शीर्ष अदालत ने यह आदेश आरटीआई कार्यकर्ता अंजली भारद्वाज की याचिका पर दिया है। पीठ ने कहा कि सिर्फ पूर्व बाबुओं को सूचना आयुक्तों नहीं बनाया जाए बल्कि कानून, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, मैनेजमेंट, पत्रकारिता, समाज सेवा आदि जगत से जुड़े लोगों को भी बनाया जाना चाहिए। साथ ही पीठ ने कहा कि यह उचित होगा कि चयन समिति को आवेदकों को शार्टलिस्ट करने के मापदंड को सर्वाजनिक किया जाना चाहिए। जिससे कि यह शार्टलिस्ट किए गए लोगों के चुनने का तार्किक कारण पता चल सके।
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