नायडू ने की आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण संधि की वकालत

नई दिल्ली ,14 फरवरी (आरएनएस)। विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे कथित बड़े बड़े आर्थिक अपराधियों के देश से भाग जाने के बीच उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने फरार अपराधियों के स्वत: प्रत्यर्पण के लिए देशों के बीच संधि की बृहस्पतिवार को जोरदार वकालत की।
नायडू ने यहां रियल एस्टेट के संगठन क्रेडाई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि कारोबारी जगत को देश के विकास के वास्ते अपने दृष्टिकोण में नैतिक होना चाहिए। उन्होंने उनसे अंदरूनी स्वविनियमन प्रणाली अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हम कुछ अनैतिक तत्वों को अपने देश को बदनाम और विकास की प्रक्रिया को पटरी से नहीं उतारने दे सकते। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने भारत को लूटा, बैंकों को धोखा दिया और वे देश से भाग गये। उपराष्ट्रपति ने कहा कि कानून का सामना करने के बजाय भगोड़े यह कहकर देश को बदनाम कर रहे हैं कि भारत में उन्हें जान का खतरा है। उन्होंने कहा कि क्या खतरा है। आप (खुद) देश के लिए खतरा बन गये हैं। आप देश को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। आप यहां आकर कानून का सामना क्यों नहीं करते (जैसा कि) दूसरे कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। नायडू ने कहा कि अपराधी, व्यवस्था में कमियों का भी फायदा उठाने का प्रयास करते हैं। ऐसे में देशों के बीच स्वतरू प्रत्यर्पण संधि होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देशों के बीच स्वतरू प्रत्यर्पण संधि होनी चाहिए। कानून की नजर में जो भी वांछित है, उसका अवश्य ही प्रत्यर्पण होना चाहिए। भारत, कारोबारी विजय माल्या के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की बाट जोह रहा है। इसके अलावा, नीरव मोदी एवं उसके मामा मेहुल चोकसी को वापस लाने की प्रक्रिया भी चल रही है जिन्होंने पंजाब नेशनल बैंक को करीब 14,000 करोड़ रूपये का कथित रूप से चूना लगाया है।
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